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सऊदी अरामको ने चीन को दिया बड़ा झटका, खत्म की 75 हजार करोड़ की डील

चीन को सऊदी अरब ने तगड़ा झटका दिया है. अरब की सरकारी तेल कंपनी सऊदी अरामको ने चीन के साथ 10 अरब डॉलर यानि करीब 75 हजार करोड़ की डील को खत्म करने का फैसला किया है.

Updated on: 24 Aug 2020, 02:37 PM

नई दिल्ली:

चीन को सऊदी अरब ने तगड़ा झटका दिया है. अरब की सरकारी तेल कंपनी अरामको (Oil company Aramco) ने चीन के साथ 10 अरब डॉलर यानि करीब 75 हजार करोड़ की डील को खत्म करने का फैसला किया है. दरअसल, अरामको चीन (China) के साथ मिलकर एक रिफाइनिंग और पेट्रोकेमिकल्स कॉम्प्लेक्स बनाने वाली थी. वहीं, अरामको के इस फैसले के बाद अब मोदी सरकार की नजर 44 अरब डॉलर की भारत के साथ डील पर है. इस मामले पर अरामको अभी तक कोई ऑफिशियल बयान नहीं जारी किया है. वहीं, उसके चाइनीज पार्टनर चाइना नॉर्थ इंडसट्रीज ग्रुप कॉर्पोरेशन (Norinco) की तरफ से कोई जवाब नहीं आया है.

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अरामको ने चीन से क्यों की डील खत्म ?

खबरों के अनुसार, कोरोना काल में तेल सस्ता हो गया है. जिसकी वजह से तेल कंपनियों को आर्थिक घाटा हो रहा है. वर्तमान हालात को देखते हुए अरामको ने इस डील को खत्म करने का निर्णय किया है. कोरोना (Corona) के मामले जिस रफ्तार से बढ़ रहे हैं, उसे देखते हुए अभी दूर-दूर तक कोई संभावना हालात सुधरते नहीं दिख रहे है. ऐसे में मार्केट और औद्योगिक गतिविधि आगे भी प्रभावित रहने का अनुमान है. 

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75 अरब डॉलर डिविडेंड जारी करेगी अरामको

मांग और कीमत में कमी की वजह से तेल कंपनियों को घाटा हो रहा है. यही हाल पूरी दुनिया में तेल कंपनियों का है. फिलहाल, अरामको ने कैपिटल एक्सपेंडिचर घटाने पर फोकस किया है. कंपनी ने 75 अरब डॉलर का डिविडेंड जारी भी करने का फैसला किया है. इस डिविडेंड का बड़ा हिस्सा सऊदी किंगडम (Saudi kingdom) को जाता है.

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अरामको ने भारत में 44 अरब डॉलर निवेश की घोषणा की थी

सऊदी अरब की सरकारी तेल कंपनी अरामको के इस फैसले के बाद अब सरकार की नजर 44 अरब डॉलर की भारत (India) के साथ डील पर है. अरामको ने महाराष्ट्र के रत्नागिरी मेगा रिफाइनरी प्रॉजेक्ट में 44 अरब डॉलर निवेश की घोषणा की थी.

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क्राउन प्रिंस सलमान ने खुद डील साइन की थी

फरवरी 2019 में क्राउन प्रिंस सलमान ने खुद यह डील साइन की थी. इस डील से अरामको एशियाई मार्केट में अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है. साथ ही इस डील के सहारे आने वाले दिनों में चीन बड़े पैमाने पर सऊदी अरब में निवेश करेगा, लेकिन दुनियाभर में फैले कोरोना वायरस की वजह से ब्रेक लग गया है.