logo-image

MSME के दायरे में शामिल होगा खुदरा और थोक व्यापार, PM मोदी ने बताया ऐतिहासिक फैसला

नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हम MSME को मजबूत बनाने और उन्हें आर्थिक प्रगति का इंजन बनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं.

Updated on: 03 Jul 2021, 03:19 PM

highlights

  • खुदरा और थोक व्यापार को MSME के रूप में शामिल करते हुए एमएसएमई के लिए संशोधित दिशानिर्देशों का ऐलान
  • सरकार के इस कदम से हमारे व्यापारियों को आसानी से ऋण मिलने के साथ कई अन्य लाभ मिलेंगे: पीएम नरेंद्र मोदी

नई दिल्ली:

केंद्रीय एमएसएमई, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री (Union MSME, Road Transport And Highways Minister) नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने खुदरा और थोक व्यापार को MSME के रूप में शामिल करते हुए एमएसएमई के लिए संशोधित दिशानिर्देशों का ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हम MSME को मजबूत बनाने और उन्हें आर्थिक प्रगति का इंजन बनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं. गडकरी ने कहा कि संशोधित दिशानिर्देशों से ढाई करोड़ खुदरा और थोक व्यापारियों को लाभ मिलेगा. बता दें कि कोरोना वायरस महामारी के रूप में खुदरा और थोक व्यापारियों को काफी नुकसान का सामना करना पड़ा है. सरकार ने उनको उस नुकसान से उबरने के लिए यह फैसला लिया है.

यह भी पढ़ें: RBI ने FD के नियमों में किया अहम बदलाव, जानिए निवेश पर क्या पड़ेगा असर

खुदरा और थोक व्यापार को एमएसएमई के रूप में शामिल करना एक ऐतिहासिक कदम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने इस फैसले को ऐतिहासिक करार दिया है. उन्होंने ट्वीट किया है कि खुदरा और थोक व्यापार को एमएसएमई के रूप में शामिल करने का एक ऐतिहासिक कदम हमारी सरकार ने उठाया है. सरकार के इस कदम से हमारे व्यापारियों को आसानी से ऋण मिलने के साथ कई अन्य लाभ मिलेंगे. साथ ही उनके कारोबार में भी बढ़ोतरी होगी. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार व्यापारियों को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

नितिन गडकरी ने कहा कि खुदरा और थोक व्यापार को अभी तक एमएसएमई के दायरे से बाहर रखा गया था, लेकिन अब संशोधित दिशानिर्देशों के तहतखुदरा और थोक व्यापार को भी भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के दिशानिर्देशों के अनुसार प्राथमिकता वाले क्षेत्र के तहत ऋण प्राप्त करने का लाभ मिलेगा. 

यह भी पढ़ें: दाल की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने लिया ये बड़ा फैसला

उन्होंने कहा कि कोविड के दूसरे वेव के कारण आई दिक्कतों से खुदरा और थोक व्यापारियों पर पड़े असर को ध्यान में रखते हुए अब इसे MSME के दायरे में लाने का फ़ैसला किया गया है. प्रायोरिटी सेक्टर लेंडिंग के अंतर्गत इस सेक्टर को लाकर आर्थिक सहायता पहुंचाने की कोशिश की जा रही है. अब खुदरा और थोक व्यापारी भी उद्यम रजिस्ट्रेशन कर सकेंगे. 2.5 करोड़ से अधिक व्यापारियों को इसका लाभ मिलेगा.