भारतीय स्टेट बैंक समेत DHFL के अन्य कर्जदाताओं को बंबई उच्च न्यायालय से मिली राहत

न्यायमूर्ति ए.के.मेनन ने पिछले महीने दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन (डीएचएफएल) को किसी भी बिना गारंटी वाले कर्जदाता को अगले आदेश तक किसी भी तरह के भुगतान से रोक दिया था.

न्यायमूर्ति ए.के.मेनन ने पिछले महीने दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन (डीएचएफएल) को किसी भी बिना गारंटी वाले कर्जदाता को अगले आदेश तक किसी भी तरह के भुगतान से रोक दिया था.

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Dhirendra Kumar
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भारतीय स्टेट बैंक समेत DHFL के अन्य कर्जदाताओं को बंबई उच्च न्यायालय से मिली राहत

बंबई उच्च न्यायालय( Photo Credit : फाइल फोटो)

बंबई उच्च न्यायालय ने डीएचएफएल मामले में भारतीय स्टेट बैंक समेत अन्य बैंकों के एक समूह की याचिका को बुधवार को स्वीकार कर लिया. याचिका में डीएचएफल की ओर से इन बैंकों को भुगतान करने पर रोक लगाने के न्यायालय के पिछले आदेश में संशोधन की मांग की गई है. उच्च न्यायालय ने कहा कि किसी तरह के प्रतिभूतिकरण या इस तरह के अन्य अनुबंध के आधार पर बैंकों और एनबीएफसी को भुगतान की मंजूरी दी जाएगी.

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न्यायमूर्ति ए.के.मेनन ने पिछले महीने दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन (डीएचएफएल) को किसी भी बिना गारंटी वाले कर्जदाता को अगले आदेश तक किसी भी तरह के भुगतान से रोक दिया था. भारतीय स्टेट बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, एचडीएफसी एवं अन्य वित्तीय संस्थानों ने न्यायमूर्ति मेनन के समक्ष बुधवार को पुनर्विचार याचिका दायर की और आदेश में संशोधन की मांग की. बैंकों ने दावा किया कि वे डीएचएफएल को प्रतिभूतिकृत की गयी संपत्तियों के मालिक हैं अत: वे कर्जदाताओं की श्रेणी में नहीं आते हैं.

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याचिका में कहा गया कि अक्टूबर में उच्च न्यायालय के आदेश से पहले डीएचएफएल नियमित भुगतान कर रही थी. यदि आदेश को नहीं बदला गया तो ये प्रतिभूतिकृत ऋण गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) बन सकते हैं. न्यायधीश ने याचिका स्वीकार करते हुए कहा कि किसी तरह के प्रतिभूतिकरण या इस तरह के अन्य अनुबंध के संबंध में बैंकों तथा एनबीएफसी को भुगतान किये जाने की इजाजत दी जाएगी. उन्होंने कहा कि डीएचएफएल 10 अक्टूबर से बकाया भुगतान तथा भविष्य के भुगतान कर सकती है. डीएचएफएल के ऊपर छह जुलाई 2019 तक 83,873 करोड़ रुपये का बकाया है.

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