अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस और एयरसेल ने टेलिकॉम मर्जर करते हुए मोबाइल फोन सर्विसेज में साथ मिलकर काम करने पर सहमति जताई है। इस डील पर कई महीनों से दोनों कंपनियों के बीच बातचीत चल रही थी। एयरसेल मैक्सिस के साथ विलय के बाद यह देश की तीसरी सबसे बड़ी सेल्युलर कंपनी होगी। दोनों कंपनियों की ओर से बुधवार को जारी संयुक्त बयान के मुताबिक रिलायंस कम्युनिकेशंस और एयरसेल की पेरेंट कंपनी मलयेशिया की मैक्सिस के पास बिज़नेस की आधी-आधी हिस्सेदारी होगी।
इस कंपनी का कुल एसेट करीब 65,000 करोड़ रुपये की होगा। हाल ही में अनिल अंबानी के बड़े भाई और रिलायंस इंडस्ट्रीज के मुखिया मुकेश अंबानी ने जियो की लॉन्चिंग की थी। इस ऐलान के बाद टेलिकॉम इंडस्ट्री में यह सबसे बड़ा कदम माना जा रहा है।
रिलायंस कम्युनिकेशंस की ओर से जारी बयान के मुताबिक इस सौदे के बाद कंपनी के कर्ज में 20,000 करोड़ रुपये की कमी आएगी। इसके अलावा एयरसेल के कर्ज में भी 4,000 करोड़ की कमी होगी। दोनों कंपनियां इंटरनेशनल प्लेयर्स से भी निवेश को लेकर बातचीत कर रही हैं।
इस डील के बाद नई कंपनी के पास 22 सर्किल होंगे। इस लिहाज से वह स्पेक्ट्रम के मामले में देश की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी होगी। कंपनी के पास 448, 850, 900, 1800 और 2100 मेगाहर्त्ज बैंड के स्पेक्ट्रम होंगे। इनकी वैलिडिटी 2033-35 तक की है।
यूजर्स के मामले में रिलायंस कम्युनिकेशंस 9.87 करोड़ उपभोक्ताओं के साथ चौथा सबसे बड़ा टेलिकॉम ऑपरेटर है। वहीं एयरसेल के 8.8 करोड़ यूजर्स हैं और वह देश का आठवां सबसे बड़ा टेलिकॉम ऑपरेटर है। इन दोनों का कारोबार एक होने से बनने वाली नई कंपनी देश की तीसरी सबसे बड़ी टेलिकॉम कंपनी होगी। फिलहाल, भारत में भारती एयरटेल के यूजर्स सबसे ज्यादा हैं, जिसके बाद वोडाफोन का नंबर आता है।
Source : News Nation Bureau