आरबीआई ने ताजा आंकड़ों को जारी करते हुए ऐलान किया है कि भारत की आर्थिक गतिविधि 2025-26 में विश्व में सबसे तेज रहने वाली है. 2024-25 की दूसरी छमाही के दौरान भारत की आर्थिक गतिविधि की गति में बढ़ोतरी का इशारा करते हैं. यह आगे भी जारी रहने की संभावना है. रिपोर्ट के अनुसार, एक चुनौतीपूर्ण माहौल में भी भारतीय अर्थव्यवस्था 2025-26 के दौरान सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था में एक होगी. आईएमएफ और विश्व बैंक का अनुमान है कि 6.5 प्रतिशत और 6.7 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि हो सकती है.
खुदरा मुद्रास्फीति घटकर 4.3 प्रतिशत पर आ गई
रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्रीय बजट 2025-26 घरेलू आय और खपत को बढ़ावा देने के उपायों के साथ-साथ पूंजीगत व्यय पर निरंतर ध्यान देने की जरूरत है. जनवरी में खुदरा मुद्रास्फीति घटकर 4.3 प्रतिशत पर आ गई. यह पांच माह का सबसे निचला स्तर है. इसका मुख्य कारण सर्दियों की फसलों के बाजार में आने से सब्जियों की कीमतों में आई तेज गिरावट है.
हाई-फ्रिक्वेंसी इंडीकेटर बताते हैं कि अर्थव्यवस्था 2024-25 की दूसरी छमाही के दौरान सुधार की राह पर है. जनवरी में परचेसिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) में औद्योगिक गतिविधि में पिछली तिमाही की तुलना में सुधार है. बुलेटिन के अनुसार, ट्रैक्टर की बिक्री में वृद्धि, ईंधन की खपत में वृद्धि और हवाई यात्रियों की संख्या में निरंतर वृद्धि की गति में सुधार की ओर इशारा करती है.
कृषि आय में बढ़ोतरी
कृषि आय में बढ़ोतरी से ग्रामीण मांग में तेजी रहने वाली है. ग्रामीण क्षेत्रों में, फास्ट-मूविंग कंज्यूमर गुड्स (एफएमसीजी) कंपनियों की बिक्री वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में 9.9 प्रतिशत बढ़ी है. यह दूसरी तिमाही में 5.7 प्रतिशत से ज्यादा है. शहरी मांग में भी तीसरी तिमाही में 5 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ सुधार हुआ. पिछली तिमाही में 2.6 प्रतिशत से लगभग दोगुना है.