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RBI Credit Policy: रिजर्व बैंक (RBI) ने ब्याज दरें 0.35 फीसदी घटाई, सस्ते होंगे होमलोन, पर्सनल लोन

Credit Policy: रिजर्व बैंक (RBI) ने लगातार चौथी बार ब्याज दरों में कटौती कर दी है. रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में 0.35 फीसदी की कटौती की है.

Updated on: 07 Aug 2019, 01:08 PM

highlights

  • रिजर्व बैंक (RBI) ने लगातार चौथी बार ब्याज दरों में कटौती की
  • रिजर्व बैंक (RBI) ने ब्याज दरों में 0.35 फीसदी की कटौती की है
  • RBI ने रेपो रेट 5.75 फीसदी से घटाकर 5.40 फीसदी कर दिया

New Delhi:

RBI Credit Policy: रिजर्व बैंक (RBI) ने लगातार चौथी बार ब्याज दरों में कटौती कर दी है. रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में 0.35 फीसदी की कटौती की है. RBI ने रेपो रेट 5.75 फीसदी से घटाकर 5.40 फीसदी कर दिया है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने जून, अप्रैल और फरवरी में भी ब्याज दरों में कटौती की थी. वहीं रिवर्स रेपो रेट भी 5.50 फीसदी से घटाकर 5.15 फीसदी कर दिया है. मार्जिनल स्टैंडिंग फेसिलिटी रेट (MSFR) और बैंक रेट 6 फीसदी से घटाकर 5.65 फीसदी कर दिया है.

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MPC के 4 सदस्यों ने 0.35 फीसदी कटौती के पक्ष में वोट दिया
मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) के 4 सदस्यों ने 0.35 फीसदी कटौती के पक्ष में वोट दिया. वहीं 2 सदस्यों ने 0.25 फीसदी कटौती के पक्ष में वोट दिया. रिजर्व बैंक ने जुलाई-सितंबर दौरान महंगाई लक्ष्य 3.1 फीसदी रखा है. दूसरी छमाही के लिए 7.3 फीसदी से 7.5 फीसदी जीडीपी का लक्ष्य दिया है. MPC का ब्याज दरों पर नरम रुख बरकरार है. रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में 0.35 फीसदी की कटौती की है, जबकि बाजार को ब्याज दरों में 0.25 फीसदी कटौती का अनुमान था.

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ब्याज दरें घटने पर उपभोक्ताओं को मिलती है राहत
ब्याज दरें घटाने का मतलब है कि अब बैंक जब भी RBI से फंड लेंगे, उन्हें नई दर पर पैसा मिलेगा. सस्ती दर पर बैंकों को मिलने वाले फंड का फायदा बैंक उपभोक्ताओं को भी देंगे. सस्ती कर्ज और सस्ती EMI के जरिए उपभोक्ताओं को फायदा मिलता है. जब भी रेपो रेट (Repo Rate) घटता है तो कर्ज लेना सस्ता हो जाता है. साथ ही जो कर्ज फ्लोटिंग हैं उसकी EMI भी कम जाती है.

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ग्राहकों पर क्या होगा असर

  • आरबीआई के इस फैसले के बाद बैंकों पर ब्‍याज दर कम करने का दबाव बनेगा
  • ब्‍याज दर कम होने की स्थिति में उन लोगों को फायदा मिलेगा जिनकी होम या ऑटो लोन की ईएमआई चल रही है
  • इसके अलावा बैंक से नए लोन लेने की स्थिति में भी पहले के मुकाबले ज्‍यादा राहत मिलेगी
  • जिन ग्राहकों के कर्ज MCLR से जुड़े हैं, उनकी EMI कम हो जाएगी. हालांकि इसके लिए जरूरी है कि बैंक MCLR में कटौती करें. इसका फायदा तभी शुरू होगा जब लोन की रीसेट डेट आएगी
  • जिन ग्राहकों के कर्ज बेस रेट या बेंचमार्क प्राइम लेंडिंग रेट (BPLR) से जुड़े हैं, उन्हें होम लोन को MCLR आधारित व्यवस्था में स्विच कराने पर विचार करना चाहिए
  • प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए जो लोग पात्र हैं, वे भी लोन लेने के बारे में विचार कर सकते हैं. स्कीम में लोन पर ब्याज सब्सिडी मिलती है. सरकार ने स्कीम की समयसीमा 31 मार्च 2020 तक बढ़ा दी है