UK-भारत के बीच व्यापार और निवेश को बढ़ाने के लिए 1 अरब पाउंड

बता दें भारत और यूके 2004 से एक रणनीतिक साझेदारी का रिश्ता निभा रहे हैं. यह नियमित रूप से उच्च-स्तरीय आदान-प्रदान और विविध क्षेत्रों में बढ़ते अभिसरणों द्वारा चिह्नित किया गया है.

बता दें भारत और यूके 2004 से एक रणनीतिक साझेदारी का रिश्ता निभा रहे हैं. यह नियमित रूप से उच्च-स्तरीय आदान-प्रदान और विविध क्षेत्रों में बढ़ते अभिसरणों द्वारा चिह्नित किया गया है.

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Dhirendra Kumar
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PM Narendra Modi-Boris Johnson

PM Narendra Modi-Boris Johnson ( Photo Credit : ANI)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) आज एक वर्चुअल बैठक के दौरान यूके और भारत के बीच द्विपक्षीय नए व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए एक अरब पाउंड का ऐलान कर सकते हैं. जानकारी के मुताबिक इसके तहत यूके में स्वास्थ्य और प्रौद्योगिकी जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में 533 मिलियन पाउंड से ज्यादा का नया भारतीय निवेश भी शामिल है. बता दें कि विदेश मंत्रालय ने कहा था दोनों नेता वृहद द्विपक्षीय रिश्तों के आगामी 10 साल के लिए एक रोडमैप जारी कर सकते हैं.

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बता दें कि समिट की घोषणा करते हुए विदेश मंत्रालय ने कहा कि बहुआयामी रणनीतिक रिश्तों को मजबूत करने और आपसी हितों के क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर सहयोग बढ़ाने का यह एक अहम अवसर होगा. मंत्रालय ने कहा, व्यापक रोडमैप-2030 पांच प्रमुख क्षेत्रों में अगले दशक के दौरान भारत-ब्रिटेन सहयोग को और बढ़ाने का मार्ग प्रशस्त करेगा. ये पांच क्षेत्र हैं- लोगों से लोगों के बीच रिश्ता, व्यापार एवं समृद्धि, रक्षा, जलवायु कार्रवाई और स्वास्थ्य देखभाल.

2004 से हैं रणनीतिक रिश्ते
भारत और यूके 2004 से एक रणनीतिक साझेदारी का रिश्ता निभा रहे हैं. यह नियमित रूप से उच्च-स्तरीय आदान-प्रदान और विविध क्षेत्रों में बढ़ते अभिसरणों द्वारा चिह्नित किया गया है. इस बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर जी 7 विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए 3-6 मई, 2021 तक लंदन का दौरा करेंगे, जिसमें भारत को एक अतिथि देश के रूप में आमंत्रित किया गया है. इसके बाद वह ब्रिटेन की द्विपक्षीय यात्रा करेंगे.

कोरोना की वजह से रद हुआ था भारत दौरा
बीते महीने ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन का भारत दौरा रद हो गया था. भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस बात की जानकारी दी थी. विदेश मंत्रालय ने कहा कि देश में कोविड स्थिति को देखते हुए 'आपसी सहमति से ये तय हुआ है कि जॉनसन भारत नहीं आएंगे. उस वक्त ही बताया गया था कि दोनों पक्ष आने वाले दिनों में भारत-यूके के बदले हुए रिश्तों के लिए योजना जारी करने को लेकर एक वर्चुअल बैठक करेंगे.

HIGHLIGHTS

  • यूके और भारत के बीच द्विपक्षीय नए व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए एक अरब पाउंड  
  • यूके में स्वास्थ्य और प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में 533 मिलियन पाउंड से ज्यादा का भारतीय निवेश भी शामिल
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