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एचपीसीएल और ओएनजीसी के मर्जर पर फैसला संभव, कैबिनेट बैठक में बन सकती है सहमति

एचपीसीएल और ओएनजीसी के मर्जर पर कैबिनेट बैठक में फैसला लिया जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक सरकार एचपीसीएल की 51.11 फीसदी हिस्सेदारी बेचने पर फैसला ले सकती है।

Updated on: 19 Jul 2017, 03:20 PM

नई दिल्ली:

एचपीसीएल और ओएनजीसी के मर्जर पर कैबिनेट बैठक में फैसला लिया जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक सरकार एचपीसीएल की 51.11 फीसदी हिस्सेदारी बेचने पर फैसला ले सकती है। इसके बाद एचपीसीएल का प्रबंधन ओएनजीसी को दिया जा सकता है।

सूत्रों की माने तो एचपीसीएल का विनिवेश स्ट्रेटजिक सेल के तहत किया जा सकता है। इसके लिए प्रस्ताव पेश होने की संभावना है। इसके लिए सरकार हिस्सेदारी बेचने के तौर-तरीके, कीमतें औऱ समय तय करने के लिए मंत्रियों का एक समूह बना सकती है।

इस समूह में वित्त, परिवहन और पेट्रोलियम मंत्री शामिल होंगे। इसके लिए कोर ग्रुप ऑफ सेक्रेटरी ने 20 जून को प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी। हालांकि माना जा रहा है कि पेट्रोलियम मंत्रालय इस मर्जर के खिलाफ है। पेट्रोलियम मंत्रालय के मुताबिक दोनों कंपनियों का मर्जर न करते हुए अधिग्रहण किया जाना सही कदम होगा।

मंत्रालय के मुताबिक अधिग्रहण से एचपीसीएल सब्सिडियरी बन सकेगी और उसकी अलग से पहचान बनी रहेगी। पेट्रोलियम मंत्रालय के मुताबिक दोनों ही कंपनियों को मिलाना बेहतर विकल्प नहीं है।

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