नेशनल हाउसिंग बैंक (NHB) के इस फैसले से होम बायर्स, बिल्डर्स की मुसीबत बढ़ी

NHB ने धोखाधड़ी को रोकने के लिए यह कदम उठाया है. हालांकि NHB के इस कदम से होम बायर्स के लिए मुसीबत हो सकती है. इसके अलावा पैसे की तंगी का सामना कर रहे रियल एस्टेट सेक्टर की मुसीबत और बढ़ने वाली है.

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Dhirendra Kumar
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नेशनल हाउसिंग बैंक (NHB) के इस फैसले से होम बायर्स, बिल्डर्स की मुसीबत बढ़ी

फाइल फोटो

रियल एस्टेट सेक्टर को बड़ा झटका लगा है. दरअसल, नेशनल हाउसिंग बैंक (NHB) ने हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों को मिलने वाली इंट्रेस्ट सबवेंशन स्कीम पर रोक लगा दी है. NHB ने धोखाधड़ी को रोकने के लिए यह कदम उठाया है. हालांकि NHB के इस कदम से होम बायर्स के लिए मुसीबत हो सकती है. इसके अलावा पैसे की तंगी का सामना कर रहे रियल एस्टेट सेक्टर की मुसीबत और बढ़ने वाली है.

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भविष्य में RBI हो जाएगा रेग्युलेटर
नेशनल हाउसिंग बैंक ने सर्कुलर के जरिए होम फाइनेंस कंपनियों को निर्देश दिया है कि कंपनियों को ऐसे लोन प्रोडक्ट देना बंद कर देना चाहिए जिसके तहत होम बायर्स की जगह बिल्डर लोन का ब्याज अदा करता है. गौरतलब है कि नेशनल हाउसिंग बैंक (NHB) हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों का नियामक है, लेकिन बजट में आए प्रस्ताव के मुताबिक भविष्य में हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों का नियामक रिजर्व बैंक (RBI) होगा.

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क्या है सबवेंशन स्कीम
सबवेंशन स्कीम के जरिए बिल्डर 5:95 और 10:90 स्कीम की पेशकश होम बायर्स को करते हैं. इस स्कीम के जरिए होम बायर 5 से 10 फीसदी रकम जमा करके फ्लैट बुक कराता है और उसे बाकी रकम पर बैंक से कर्ज मिल जाता है. कर्ज की राशि बिल्डर को कई हिस्सों में मिलती है. बिल्डर मकान के पूरा होने तक इसकी EMI का पूरा भुगतान बिल्डर करता है. बिल्डर को इसके तहत EMI देने के बावजूद फंड सस्ता पड़ता है. नेशनल हाउसिंग बैंक (NHB) ने साफ किया है कि उसका नया आदेश पहले से चल रही सबवेंशन स्कीम पर भी लागू होगा.

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