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Coronavirus (Covid-19): जब तक कोरोना वायरस का खात्मा नहीं हो जाता तब तक के लिए मुकेश अंबानी ने लिया ये बड़ा फैसला

Coronavirus (Covid-19): रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) ने एक बयान में कहा कि कोविड-19 के प्रभाव के समाप्त होने तक सैलरी न लेने के मुकेश अंबानी के प्रस्ताव को बोर्ड ने मंजूरी दे दी है.

Updated on: 01 May 2020, 07:30 AM

नई दिल्ली:

Coronavirus (Covid-19): रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) के चेयरमैन मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) ने कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Epidemic) के खत्म हो जाने तक कोई सैलरी न लेने का फैसला किया है. अंबानी की सैलरी सालाना 15 करोड़ रुपये है, जिसमें साल 2008-09 के बाद से कोई बढ़ोत्तरी नहीं हुई है. कंपनी ने एक बयान में कहा कि कोविड-19 के प्रभाव के समाप्त होने तक सैलरी न लेने के मुकेश अंबानी के प्रस्ताव को बोर्ड ने मंजूरी दे दी है.

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सभी बिजनेस की कमाई पूरी तरह से वापस पटरी लौटने तक नहीं लेंगे सैलरी
भारत में कोविड-19 के प्रकोप के मद्देनजर, जिसने राष्ट्र के सामाजिक, आर्थिक व औद्योगिक क्षेत्र को प्रभावित किया है, अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने अपनी तनख्वाह न लेने का फैसला लिया है. इसमें यह भी कहा गया है कि उन्होंने तब तक सैलरी न लेने का निश्चय किया है, जब तक उनकी कंपनी और इसके सारे बिजनेस सम्पूर्ण तरीके से अपनी कमाई करने की क्षमता को दोबारा हासिल नहीं कर लेते.

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रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) ने गुरुवार को कहा कि वित्तीय वर्ष 2019-20 की जनवरी-मार्च तिमाही में उसने वर्ष-दर-वर्ष आधार पर अपने समेकित शुद्ध लाभ में 37.2 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की है. वित्तीय वर्ष 2019-20 की चौथी तिमाही में समेकित शुद्ध लाभ 6,546 करोड़ रुपये रहा, जोकि इसके पहले के वित्तीय वर्ष में इसी अवधि के दौरान 10,427 करोड़ रुपये रहा था. नियामकीय फाइलिंग में आरआईएल ने कहा कि असाधारण आइटम्स को छोड़कर कुल लाभ 3.7 प्रतिशत बढ़कर 10,813 करोड़ रुपये (1.4 अरब डॉलर) हो गया. असाधारण आइटम्स सहित कुल लाभ 37.2 प्रतिशत घटकर 6,546 करोड़ (0.9 अरब डॉलर) हो गया. असाधारण आइटम्स पर खर्च वित्त वर्ष 2020 की चौथी तिमाही में 4,267 करोड़ रुपये रहा, जो मुख्य रूप से कोविड-19 के प्रभाव और लाइसेंस फी के लिए इनक्रीमेंटल दायित्व के कारण हुआ.