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Moody's Report: मूडीज ने भारत के विकास दर में किया बदलाव, जानें क्या है रिपोर्ट में

मूडीज ने कहा है कि भारत सरकार द्वारा बुनियादी ढ़ाचों पर खर्च करने से देश में मैन्युफैक्चरिंग एक्टिविटी तेजी से बढ़ रही है.

Updated on: 04 Mar 2024, 07:17 PM

नई दिल्ली:

Moody's Report: रेटिंग एजेंसी मूडीज ने सोमवार को साल 2024 के लिए भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट को रिवाइज कर दिया है. एजेंसी ने साल 2024 के लिए भारत की इकोनॉमी ग्रोथ को बढ़ाकर 6.8 प्रतिशत कर दी है. आपको बता दें कि इससे पहले IMF ने विकास दर पहले 6.1 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था. मूडीज ने कहा कि भारत सरकार देश को मजबूत करने के लए सभी कदम उठा रही है. आपको बता दें कि नेशनल स्टेटिकल ऑफिस ने पिछले हफ्ते ही तीसरी तीमाही की रिपोर्ट जारी की है.

मूडीज ने कहा है कि भारत सरकार द्वारा बुनियादी ढ़ाचों पर खर्च करने से देश में मैन्युफैक्चरिंग एक्टिविटी तेजी से बढ़ रही है. इससे देश की अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है. मूडीज ने कहा कि भारत ने कैलेंडर ईयर 2023 के चौथे तिमाही में अनुमान से ज्यादा ग्रोथ दिखाई है. आपको बता दें कि भारत ने इस दौरान 8.4 प्रतिशत की दर से बढ़ोतरी की है. इसकी वजह से पूरे साल के लिए जीडीपी ग्रोथ 7.7 प्रतिशत रहा है. 

2024 के लिए 6.8 फिसदी

मूडीज ने कहा कि हमारा अनुमान है कि ग्लोबल चैलेंज के बाद भी भारत आराम से 6 से 7 फिसदी की ग्रोथ कर सकती है. इसलिए हम कैलेंडर ईयर 2024 के लिए विकास दर 6.8 फिसदी रहने का अनुमान लगा रहे हैं. वहीं हम साल 2025 के लिए ग्रोथ रेट 6.4 रहने की उम्मीद करते हैं. सरकार ने पूंजीगत खर्च में इजाफा करने और निर्माण कार्यों को मजबूत करने पर काफी ध्यान दिया है और इसके लिए कई कदम भी उठाए है. 

ब्याज दरों में बदलाव नहीं

रेटिंग एजेंसी ने कहा कि मजबूत विकास और स्टेबल इंफ्लेशन को देखते हुए मना जा सकता है कि आने वाले महीनों में भारतीय रिजर्व बैंक ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करेगा. वहीं भारत की खुदरा महंगाई दर साल 2024 के लिए 5.2 प्रतिशत और साल 2025 के लिए 4.8 फिसदी रहने का अनुमान लगाया है. 

तीसरी तीमाही में 8.4 फिसदी ग्रोथ रेट

आपको बता दें कि पिछले हफ्ते नेशनल स्टेटिकल ऑफिस ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए डाटा जारी किया. इसमें जानकारी दी कि दिसंबर वाले तीसरी तिमाही में 8.4 प्रतिशत की दर से विकास किया है. ये दिखाता है कि कैसे देश की इकोनॉमी तेजी से बढ़ रहे हैं. वहीं, विश्व बैंक और आईएमएफ ने 6.7 और 6.3 फिसदी रहने का अनुमान लगाया था. आपको बता दें कि दुनिया के बड़े देश 2 से 3 फिसदी की ग्रोथ रेट के लिए संघर्ष कर रहे हैं. वहीं, भारत का तेजी सगे विकास करना एक उपलब्धि के समान है.