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मोदी सरकार ने घरेलू उद्योग के हितों की रक्षा के लिए कोरियाई सिंथेटिक रबड़ के इंपोर्ट को लेकर किया ये बड़ा फैसला

वाणिज्य मंत्रालय (Ministry of Commerce) की जांच इकाई व्यापार उपचार महानिदेशालय ने पॉलीबुटाडीन रबड़ के आयात में वृद्धि की जांच के बाद सीमा शुल्क बढ़ाने की सिफारिश की है. जांच में पाया गया कि आयात बढ़ने से घरेलू उद्योग के हितों को नुकसान पहुंचा है.

Updated on: 24 Oct 2020, 08:53 AM

नई दिल्ली :

वाणिज्य मंत्रालय (Ministry of Commerce) ने टायर विनिर्माण में उपयोग होने वाले कोरियाई सिंथेटिक रबड़ (Synthetic Rubber) पर आयात शुल्क (Import Duty) दो साल के लिये बढ़ाने की सिफारिश की है. इस कदम का मकसद इस उत्पाद के आयात में उछाल से घरेलू उद्योग के हितों की रक्षा करना है. वाणिज्य मंत्रालय की जांच इकाई व्यापार उपचार महानिदेशालय (डीजीटीआर) ने पॉलीबुटाडीन रबड़ के आयात में वृद्धि की जांच के बाद सीमा शुल्क बढ़ाने की सिफारिश की है. जांच में पाया गया कि आयात बढ़ने से घरेलू उद्योग के हितों को नुकसान पहुंचा है.

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कोरिया से इंपोर्ट पर 200 दिन के लिए सीमा शुल्क बढ़ाकर किया गया 10 फीसदी 
मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (Reliance Industries) ने भारत और दक्षिण कोरिया के मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) के अनुरूप डीजीटीआर के समक्ष आवेदन देकर रबड़ के बढ़े हुए आयात के मामले में द्विपक्षीय रक्षोपाय जांच करने का आग्रह किया था. जांच पिछले साल नवंबर में शुरू हुई। सरकार ने एक जुलाई, 2020 को रक्षोपाय उपाय किये. इसमें एफटीए के तहत जो छूट दी गयी थी, उसे समाप्त कर दिया गया है और कोरिया से आयात पर 200 दिनों के लिये सीमा शुल्क बढ़ाकर 10 प्रतिशत कर दिया गया.

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डीजीटीआर की अधिसूचना में कहा गया है कि आयात में वृद्धि और कोरिया-भारत एफटीए यानी व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (सीईपीए) के तहत शुल्क दरों में कमी या उसे समाप्त करने के बीच संबंध हैं. महानिदेशालय ने संबंधित वस्तु पर पहले साल के लिये सीमा शुल्क बढ़ाकर सर्वाधिक तरजीही देश (एमएफएन) पर लागू दर का 100 प्रतिशत के स्तर तक करने और दूसरे साल 75 प्रतिशत की सिफारिश की है. जांच भारत-कोरिया व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते के तहत की गयी. शुल्क लगाने के बारे में अंतिम निर्णय वित्त मंत्रालय करेगा.