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मोदी सरकार ने ऑटो-टेलीकॉम सेक्टर के लिए खोला खजाना, मिलेगा रोजगार

कोरोना वायरस की मार झेल रही ऑटो इंडस्ट्री के लिए अच्छी खबर है. केंद्र सरकार की कैबिनेट ने ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम को अनुमति दे दी है. इस योजना में ऑटो कंपोनेंट और ड्रोन सेक्टर भी शामिल हैं.

Updated on: 15 Sep 2021, 04:15 PM

highlights

  • कैबिनेट ने भारत की विनिर्माण क्षमता को बढ़ावा देने के लिए PLI योजना को दी मंजूरी
  • देश में 7.6 लाख से अधिक लोगों को अतिरिक्त रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे
  • पीएलआई योजना के तहत ड्रोन के लिए तीन वर्षों में इतने करोड़ का आएगा निवेश

नई दिल्ली:

कोरोना वायरस की मार झेल रही ऑटो इंडस्ट्री के लिए अच्छी खबर है. केंद्र सरकार की कैबिनेट ने ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम को अनुमति दे दी है. इस योजना में ऑटो कंपोनेंट और ड्रोन सेक्टर भी शामिल हैं. 5 साल के लिए ये स्कीम लागू रहेगी. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि ऑटो उद्योग, ऑटो कंपोनेंट, ड्रोन इंडस्ट्री के लिए PLI स्कीम काफी कारगर साबित हुई है. PLI स्कीम के लिए सरकार ने 26058 करोड़ का प्रावधान किया है. इससे एडवांस ऑटो मोबाइल सेक्टर को बूस्ट मिलेगा. साथ ही 7.6 लाख से अधिक लोगों को अतिरिक्त रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे और निवेश भी बढ़ेगा.

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केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि ऑटो सेक्टर का जीडीपी में अहम योगदान है. स्थानीय बाजार के लिए PLI स्कीम को लाया गया है. भारत ग्लोबल प्लेयर बनेगा. इसके तहत विदेशों से आने वाले कंपोनेंट का निर्माण भी भारत में ही होगा. आयात कम करने के लिए PLI स्कीम से फायदा होगा. उन्होंने कहा कि 5 वर्ष चयनित कंपनियों को निवेश करना होगा. निवेश की सीमा अलग-अलग है. ये इंसेंटिव पांच वर्ष तक मिलेगा. ड्रोन के मामले में भारत आज बराबरी में खड़ा है. आज टर्न ओवर 80 करोड़ है, लेकिन राहत 120 करोड़ की है. उन्होंने आगे कहा कि ड्रोन क्षेत्र में 5 हजार करोड़ का निवेश आने की उम्मीद है. 

केंद्रीय टेलीकॉम मंत्री अश्वनी वैष्णव ने कहा कि कैबिनेट में टेलीकॉम सेक्टर में 9 बड़े स्ट्रक्चर्ड रिफार्म अप्रूव हुए हैं. एडजस्टेड कोस्ट रेवेनुए पर पीएम मोदी ने बड़ा फैसला लिया गया, जिसे रेशनेलाइज किया गया है. पेनाल्टी को खत्म किया गया है. अब से भविष्य में स्पेक्ट्रम के लिए 20 साल की जगह 30 साल मिलेंगे. टेलीकॉम शेयरिंग में कोई बंधन न हो इसके लिए स्पेक्ट्रम शेयरिंग को पूरी तरह से अनुमति दे दी जाएगी. टेलीकॉम सेक्टर में 100 फीसदी ऑटोमैटिक रुट में लागू किया गया है.

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उन्होंने कहा कि 300 से 400 करोड़ के पुराने पेपर को डिजिटल किया जाएगा. भविष्य में सभी KYC डिजिटल किया जाएगा. कनेक्शन के लिए पुराने KYC को सिम्प्लीफाई किया गया है. टावर का अप्रूवल सेल्फ डिक्लेशन के जरिए किया जा सकेगा. अश्विनी वैष्णव ने कहा कि पीएम मोदी का लक्ष्य 4जी-5जी कोर तकनीक को भारत में तैयार करना है, जिसमें भारत की तकनीक का इस्तेमाल होगा.

अश्विनी वैष्णव ने आगे कहा कि टेलीकॉम सेक्टर में जितने बकाया है उनके लिए 4 साल का मोरोटोरियम स्वीकृत किया गया है. टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स के लिए यह मंजूरी दी गई है. इससे कैश फ्लो की दिक्कत खत्म हो जाएगी.