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एयर इंडिया (Air India) के लिए बोली की तारीख 30 अप्रैल से आगे बढ़ा सकती है मोदी सरकार

एक अधिकारी ने कहा कि इस महामारी की वजह से वैश्विक स्तर पर आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुई हैं, इस वजह से एयर इंडिया (Air India) के लिए बोली की तारीख को आगे बढ़ाया जा सकता है.

Updated on: 01 Apr 2020, 09:43 PM

दिल्ली:

केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार कोविड-19 (Coronavirus) की वजह से राष्ट्रीय विमानन कंपनी एयर इंडिया (Air India) की खरीद के लिए बोली लगाने की आखिरी तारीख को 30 अप्रैल से आगे बढ़ा सकती है. एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि इस महामारी की वजह से वैश्विक स्तर पर आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुई हैं, इस वजह से एयर इंडिया के लिए बोली की तारीख को आगे बढ़ाया जा सकता है.

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हिस्सेदारी बिक्री की प्रक्रिया 27 जनवरी को हुई थी शुरू

मोदी सरकार (Modi Government) ने कर्ज के बोझ तले दबी राष्ट्रीय विमानन कंपनी में हिस्सेदारी बिक्री की प्रक्रिया 27 जनवरी को शुरू की थी. बोली जमा कराने की समयसीमा को यदि बढ़ाया जाता है तो यह दूसरा मौका होगा जबकि एयरलाइन के लिए बोली लगाने की तारीख आगे बढ़ेगी. पहले एयर इंडिया के लिए बोली लगाने की अंतिम तारीख 17 मार्च थी. इच्छुक कंपनियों के आग्रह और कोरोना वायरस से पैदा हुई स्थिति के मद्देनजर इसे बढ़ाकर 30 अप्रैल किया गया. अधिकारी ने कहा कि मौजूदा वैश्विक और घरेलू परिस्थतियिों को देखते हुए इस बात की गुंजाइश है कि बोली लगाने की तारीख और आगे बढ़ाई जा सकती है.

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उल्लेखनीय है कि कोविड-19 (Covid-19) से विमानन क्षेत्र (Aviation Sector) बुरी तरह प्रभावित हुआ है. एयरलाइंस को जहां अंतरराष्ट्रीय उड़ानें रद्द करनी पड़ी हैं वहीं कर्मचारियों के वेतन में भी कटौती की गई है. सरकार ने 2018 में भी एयर इंडिया की बिक्री का प्रयास किया था जो विफल रहा था. उसके बाद जनवरी, 2020 में सरकार ने विनिवेश की प्रक्रिया को फिर शुरू किया और एयर इंडिया में अपनी 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बिक्री के लिए बोलियां आमंत्रित कीं हैं. इसमें एयर इंडिया एक्सप्रेस लि. में एयर इंडिया की 100 प्रतिशत और एयर इंडिया एसएटीएस एयरपोर्ट सर्विसेज प्राइवेट लि. में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी की बिक्री शामिल है. एयरलाइन पर 31 मार्च, 2019 तक 60,074 करोड़ रुपये का कर्ज था. खरीदार को इसमें से 23,286.5 करोड़ रुपये के कर्ज का बोझ उठाना होगा. शेष कर्ज विशेष इकाई एयर इंडिया एसेट्स होल्डिंग लि. को स्थानांतरित किया जाएगा.