logo-image

मोदी सरकार ने कंपनियों को दी बड़ी राहत, कई योजनाओं की समयसीमा बढ़ाई

कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय ने कंपनीज फ्रेश स्टार्ट स्कीम तथा एलएलपी निपटान योजना की अवधि बढ़ा दी है. कंपनी कानून, 2013 के तहत शुल्क के सृजन या संशोधन से संबंधित फॉर्म जमा कराने की समयसीमा में भी छूट दी गई है.

Updated on: 29 Sep 2020, 10:39 AM

नई दिल्ली:

Coronavirus (Covid-19): कोरोना वायरस (Coronavirus Epidemic) की वजह से पैदा अड़चनों के बीच कंपनियों को राहत देते हुए केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार ने कई योजनाओं की अवधि बढ़ाकर 31 दिसंबर 2020 कर दी है. कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय ने कंपनीज फ्रेश स्टार्ट स्कीम तथा एलएलपी निपटान योजना की अवधि बढ़ा दी है. इसके अलावा कंपनियों को असाधारण आम बैठक (ईजीएम) और बोर्ड बैठक इस साल के अंत तक वीडियो कॉन्फ्रेंस या इसी तरह के अन्य माध्यमों से करने की अनुमति दी है. इसके साथ ही कंपनी कानून, 2013 के तहत शुल्क के सृजन या संशोधन से संबंधित फॉर्म जमा कराने की समयसीमा में भी छूट दी गई है.

यह भी पढ़ें: SBI के YONO के जरिए लोन लेने पर प्रोसेसिंग शुल्क में मिल रहा है भारी भरकम डिस्काउंट

स्वतंत्र निदेशकों के लिए डेटा बैंक पर खुद का पंजीकरण कराने के समय को भी बढ़ाया गया है. पहले ये सभी समय सीमाएं 30 सितंबर को समाप्त हो रही थीं. वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण के कार्यालय की ओर से ट्वीट कर बताया गया है कि कई योजनाओं की समयसीमा को बढ़ाकर 31 दिसंबर, 2020 कर दिया गया है. ट्वीट में कहा गया है कि कोविड-19 महामारी की वजह से पैदा हुई दिक्कतों तथा कारोबार सुगमता की स्थिति को बेहतर करने के लिए यह कदम उठाया गया है.

यह भी पढ़ें: चीनी एक्सपोर्ट को लेकर मोदी सरकार ने लिया बड़ा फैसला

एक अप्रैल से शुरू हुई है फ्रेश स्टार्ट स्कीम और एलएलपी निपटान योजना
कंपनीज फ्रेश स्टार्ट स्कीम और एलएलपी निपटान योजना एक अप्रैल से शुरू हुई है. इसका मकसद कंपनियों को अपने पुराने डिफॉल्ट को ठीक करने का अवसर देना है. इन योजनाओं के तहत इकाइयां विलंब शुल्क के बिना ब्योरा जमा करा सकती हैं. साथ ही जरूरी ब्योरा जमा कराने में देरी पर उनको दंडात्मक कार्रवाई से भी छूट दी गई है. स्वतंत्र निदेशकों को कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के तहत आने वाले भारतीय कंपनी मामलों के संस्थान (आईआईसीए) द्वारा तैयार स्वतंत्र निदेशक डेटा बैंक में खुद का पंजीकरण कराना होता है। स्वतंत्र निदेशकों के लिए पंजीकरण का समय बढ़ाया गया है.