मोदी सरकार ने दिवाला कानून में किया संशोधन, डिफाल्ट के नए मामलों में 6 महीने तक नहीं होगी कार्रवाई

कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Epidemic) के दौरान कर्ज भुगतान में असफलता के नए मामलों में दिवाला कार्रवाई शुरू नहीं की जाएगी. कोरोना वायरस (Coronavirus) पर रोकथाम के लिए देश में 25 मार्च से लॉकडाउन लागू है.

author-image
Dhirendra Kumar
New Update
Narendra Modi

नरेंद्र मोदी (Narendra Modi)( Photo Credit : फाइल फोटो)

केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार ने दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता (Insolvency and Bankruptcy Code-IBC) में संशोधन के लिए अध्यादेश जारी किया है. इसके तहत कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Epidemic) के दौरान कर्ज भुगतान में असफलता के नए मामलों में दिवाला कार्रवाई शुरू नहीं की जाएगी. कोरोना वायरस (Coronavirus) पर रोकथाम के लिए देश में 25 मार्च से लॉकडाउन लागू है.

Advertisment

यह भी पढ़ें: Sovereign Gold Bond Scheme 2020-21: सरकार की गोल्ड बॉन्ड योजना के जरिए खरीद सकते हैं सस्ता सोना, जानें फायदे

कंपनियों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद
25 मार्च से छह माह तक कर्ज भुगतान में चूक या डिफॉल्ट के नए मामलों में दिवाला कार्रवाई शुरू नहीं की जाएगी. इस कदम से कंपनियों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है, क्योंकि कोरोना वायरस महामारी और उसके बाद लागू राष्ट्रव्यापी बंद से आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुई हैं. अध्यादेश में कहा गया है कि 25 मार्च, 2020 या उसके बाद डिफॉल्ट के किसी मामले में छह महीने या उससे आगे (एक साल से अधिक नहीं) दिवाला कार्रवाई नहीं की जा सकेगी. इसमें कहा गया है कि किसी कॉरपोरेट कर्जदार के खिलाफ उपरोक्त अवधि के दौरान कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) के तहत आवेदन नहीं किया जा सकेगा. इस अवधि के लिए सीआईआरपी प्रक्रिया को निलंबित किया गया है.

यह भी पढ़ें: खुशखबरी, किसानों को अब मिलेगा उनकी उपज का सही दाम, जारी हो गए अध्यादेश

7, 9 और 10 छह माह की अवधि के लिए लागू नहीं होंगी संहिता की तीन धाराएं
संहिता की तीन धाराएं....7, 9 और 10 छह माह की अवधि के लिए लागू नहीं होंगी. इस संदर्भ में आईबीसी में एक नई धारा ‘10ए’ डाली गई है. धारा 7 और 9 वित्तीय और परिचालन के लिए ऋण देने वालों द्वारा दिवाला कार्रवाई शुरू करने से संबंधित है. धारा 10 कॉरपोरेट आवेदकों से संबंधित है. आईबीसी के तहत कोई भी इकाई किसी कंपनी द्वारा कर्ज भुगतान में एक दिन की चूक होने पर भी दिवाला कार्रवाई के लिए आवेदन कर सकती है. इसके लिए न्यूनतम सीमा एक करोड़ रुपये है. पहले यह सीमा एक लाख रुपये थी. वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने 17 मई को कहा था कि सरकार दिवाला कानून के तहत कई रियायतें उपलब्ध कराएगी. इसके तहत एक साल तक के लिए नए मामलों में दिवाला कार्रवाई शुरू नहीं की जाएगी.

nirmala-sitharaman Modi Government IBC Finance Minister Nirmala Sitharaman IBC Amendment Insolvency And Bankruptcy Amendment Bill Narendra Modi Insolvency And Bankruptcy Code finance-ministry
      
Advertisment