LIC के IPO से इंश्योरेंस इंडस्ट्री की होगी बल्ले बल्ले, फिच रेटिंग्स (Fitch Ratings) ने जताई उम्मीद

फिच रेटिंग्स (Fitch Ratings) ने उम्मीद जताई है कि एलआईसी (LIC) का आईपीओ (IPO) आने के बाद निजी क्षेत्र की कुछ बीमा कंपनियां भी मध्यम अवधि में अपने शेयरों को शेयर बाजार में सूचीबद्ध कराने को प्रोत्साहित होंगी.

फिच रेटिंग्स (Fitch Ratings) ने उम्मीद जताई है कि एलआईसी (LIC) का आईपीओ (IPO) आने के बाद निजी क्षेत्र की कुछ बीमा कंपनियां भी मध्यम अवधि में अपने शेयरों को शेयर बाजार में सूचीबद्ध कराने को प्रोत्साहित होंगी.

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Dhirendra Kumar
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LIC के IPO से इंश्योरेंस इंडस्ट्री की होगी बल्ले बल्ले, फिच रेटिंग्स (Fitch Ratings) ने जताई उम्मीद

LIC IPO( Photo Credit : फाइल फोटो)

LIC IPO: फिच रेटिंग्स (Fitch Ratings) ने कहा है कि भारतीय जीवन बीमा निगम (Life Insurance Corporation-LIC) के प्रस्तावित आईपीओ (LIC IPO) से देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी की जवाबदेही और पारदर्शिता बेहतर होगी, मगर अगले वित्त वर्ष के दौरान ऐसा होने की संभावना नहीं है. अपनी हालिया रिपोर्ट में फिच ने कहा कि एलआईसी अधिनियम के कुछ वर्गों में संशोधन के बाद कानूनी अड़चनें, स्वतंत्र मूल्यांकन करने के साथ ही विनियामक अनुमोदन प्राप्त करने से मार्च 2021 के अंत में सरकार के लक्ष्य की समय सीमा से परे निष्पादन में देरी हो सकती है.

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एलआईसी के आईपीओ से बीमा उद्योग का होगा फायदा

इसी तरह 2018 में, सरकार ने तीन राज्य क्षेत्र की गैर-जीवन बीमा कंपनियों नेशनल इंश्योरेंस कंपनी, यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी और ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी को मर्ज करने के अपने फैसले की घोषणा की - और बाद में उन्हें शेयर बाजार में सूचीबद्ध किया. बीमाकर्ताओं की कमजोर पूंजी क्षमता सहित कई कारकों के कारण लगभग एक साल की देरी के बाद विलय 2020 में समाप्त होने की संभावना है.

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इससे पहले सरकार ने 2017 में देश की दो सबसे बड़ी बीमा कंपनियों न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी और जनरल इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया को एक आईपीओ मार्ग के माध्यम से सूचीबद्ध किया था. एलआईसी के आईपीओ से पूरे बीमा उद्योग को फायदा होगा. फिच ने कहा कि इसका लाभ संभवत: पूरे बीमा उद्योग को मिलेगा. ऐसा इसलिए क्योंकि उद्योग अधिक विदेशी पूंजी आकर्षित कर पाएगा, जिससे देश में विदेशी पूंजी का प्रवाह भी बढ़ेगा.

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फिच ने उम्मीद जताई है कि एक बार एलआईसी का आईपीओ आने के बाद निजी क्षेत्र की कुछ बीमा कंपनियां भी मध्यम अवधि में अपने शेयरों को शेयर बाजार (Share Market) में सूचीबद्ध कराने को प्रोत्साहित होंगी. हालांकि मौजूदा नियमनों के तहत सभी बीमा कंपनियों के लिए सूचीबद्ध होना अनिवार्य नहीं है. उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2020-21 के बजट भाषण (Budget 2020) में घोषणा की थी कि सरकार की विनिवेश पहल के तहत एलआईसी को सूचीबद्ध किया जाएगा.

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ज्ञात हो कि जब भी कोई कंपनी या सरकार पहली बार आम लोगों के सामने कुछ शेयर बेचने का प्रस्ताव रखती है तो इस प्रक्रिया को प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) कहा जाता है. यानी एलआईसी के आईपीओ को सरकार आम लोगों के लिए बाजार में रखेगी. इसके बाद लोग एलआईसी में शेयर के जरिए हिस्सेदारी खरीद सकेंगे.

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