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LIC IPO के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू; आपके पास 9 मई तक का समय

एलआईसी के आईपीओ में पैसा लगाने के लिए रिटेल निवेशकों के पास कम से कम 15 शेयरों का एक लाट खरीदना ही होगा. इससे कम की खरीददारी नहीं हो सकती. रिटेल निवेशक अधिकतर 14 लाट यानी 210 शेयर ही खरीद सकते हैं. इसके लिए अधिकतम 1,89,840 रुपए का निवेश हो सकता है.

Updated on: 04 May 2022, 12:59 PM

highlights

  • एलआईसी के आईपीओ के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू
  • कम से कम 15 शेयर खरीद सकते हैं रिटेल निवेशक
  • सरकार को 21 हजार करोड़ रुपये पाने की उम्मीद

नई दिल्ली:

लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (LIC) का IPO खुल चुका है. सरकार LIC IPO के जरिए 21,000 करोड़ रुपए जुटाने की योजना पर काम कर रही है. ऐसे में अगर आप भी इसमें निवेश करना चाहते हैं, तो ये सुनहरा मौका है. हालांकि इसके लिए कुछ नियम और कायदे भी तय किये गए हैं. बता दें कि शेयरों का आवंटन 12 मई को होगा और शेयर बाजार में LIC आईपीओ की लिस्टिंग 17 मई को होगी.

बाजार के जानकारों के मुताबिक, एलआईसी के आईपीओ में पैसा लगाने के लिए रिटेल निवेशकों के पास कम से कम 15 शेयरों का एक लाट खरीदना ही होगा. इससे कम की खरीददारी नहीं हो सकती. रिटेल निवेशक अधिकतर 14 लाट यानी 210 शेयर ही खरीद सकते हैं. इसके लिए अधिकतम 1,89,840 रुपए का निवेश हो सकता है. वहीं, पॉलिसी होल्डर्स 60 रुपए के डिस्काउंट के बाद मिनिमम 13,335 रुपए और मैक्सिमम 1,86,690 का निवेश कर सकते हैं. 

कितना लगाना होगा पैसा?

खुदरा निवेशकों के लिए LIC के आईपीओ में तीन कैटेगरी निर्धारित किए गए हैं, पॉलिसी धारक, एलआईसी कर्मचारी और आम निवेशक. एलआईसी बीमा धारकों को एक लॉट IPO करने पर 60 रुपये प्रति शेयर डिस्काउंट के साथ कुल 13,335 रुपये लगाने होंगे. वहीं LIC कर्मचारियों को इस आईपीओ में अप्लाई करने पर 45 रुपये प्रति शेयर का डिस्काउंट मिलेगा. यानी अपर प्राइस बैंड के हिसाब से उन्हें एक लॉट के अप्लीकेशन पर 13560 रुपये देने होंगे. जो किसी कैटेगरी में नहीं आते हैं, उन्हें एक लॉट के लिए कुल 14,235 रुपये देने होंगे.

21000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना

आईपीओ लॉन्च करने की तारीख और इसके प्राइस बैंक का आधिकारिक एलान करते हुए निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग के सचिव तुहिन कांता पांडे ने बीते दिनों बताया था कि एलआईसी में सरकार की 100 फीसदी हिस्सेदारी और इस आईपीओ के जरिए 3.5 फीसदी हिस्सेदारी बेचने जा रही है. इससे पहले पांच फीसदी हिस्सेदारी बेचने की तैयारी थी. डीआरएचपी के मुताबिक, इस आईपीओ के जरिए सरकार की योजना 21 हजार रुपये जुटाने की है. यहां बता दें कि सरकार ने रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध से उपजे हालातों के मद्देनजर शेयर बाजार की स्थिति को देखते हुए इश्यू के आकार को घटा दिया है. हालांकि इसके बाद भी यह देश के इतिहास का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ होगा.