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जेट एयरवेज
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जेट एयरवेज
कर्ज की वजह से परिचालन बंद कर चुकी एयलाइन कंपनी जेट एयरवेज के लिए रोशनी की किरण दिखाई पड़ी है. जेट एयरवेज कर्मचारी संघ और एडीआई ग्रुप ने बंद पड़ी एयरलाइनंस की 75 प्रतिशत हिस्सेदारी की बोली लगाने के लिए साझेदारी की घोषणा की है. बता दें कि जेट एयरवेज का संचालन 17 अप्रैल को बंद हो गया था. जेट एयरवेज के बंद होने से हजारों कर्मचारी बेरोजगार हो गए हैं. जेट एयरवेज को फिर से शुरू करने की वो लगातार मांग कर रहे हैं. एयरलाइन अगर दोबारा शुरू हो जाएगा तो कर्मचारियों को राहत मिलेगी.
गुरुवार को नागरिक विमानन राज्यमंत्री हरदीप पुरी ने संसद में कहा था कि जेट एयरवेज का जीर्णोद्धार केवल 'दिवाला एवं शोधन अक्षमता कोड' (आईबीसी) से ही संभव है. उनका कहना था कि प्रमोटरों ने जेट के लिए पूरी राशि उपलब्ध नहीं कराई इसीलिए सरकारी बैंक भी एयरलाइन की मदद नहीं कर सके.
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जेट एयरवेज के बंद होने के बाद नरेश गोयल ने कारोबारी समुदायों से मदद की गुजारिश की थी लेकिन उन्हें सहायता नहीं मिल सकी. टाटा ग्रुप ने भी इसमें दिलचस्पी दिखाई लेकिन बाद में कदम पीछे खींच लिए. चर्चा यह भी थी कि हिंदुजा ग्रुप जेट एयरवेज को खरीदना चाहता है.
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वहीं, जेट एयरवेज की विदेशी रूट्स पर प्रतिद्वंद्वी एयरलाइंस कंपनियां निगाहें गड़ाए हुए है. विमानन नियामक ने इसके कुछ घरेलू मार्गों को अस्थायी तौर पर प्रतिद्वंद्वी विमानन कंपनियों को दे दिया. ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक, जेट के आधे अति व्यस्ततम विदेशी रूट्स को एयर इंडिया को दे दिया गया है. जबकि बाकी घरेलू विमानन कंपनी को दी जाएगी.
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