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वित्तीय संकट से जूझ रहे जेट एयरवेज के चेयरमैन नरेश गोयल ने दिया इस्तीफा

वित्तीय संकट से जूझ रहे जेट एयरवेज के चेयरमैन नरेश गोयल ने इस्तीफा दे दिया है. इसके साथ ही उनकी पतन अनीता गोयल ने बोर्ड की सदासयता से इस्तीफ़ा दे दिया है.

Updated on: 25 Mar 2019, 05:07 PM

नई दिल्ली:

वित्तीय संकट से जूझ रहे जेट एयरवेज के चेयरमैन नरेश गोयल ने इस्तीफा दे दिया है. इसके साथ ही उनकी पतन अनीता गोयल ने बोर्ड की सदासयता से इस्तीफ़ा दे दिया है. जेट एयरवेज के प्रमुख प्रोमोटर में से एक नरेश गोयल पहले खुद ही इस्तीफे की पेशकश कर चुके हैं. जेट के ऊपर 8,000 करोड़ रुपये अधिक का कर्ज है और कंपनी कर्मचारियों के वेतन नहीं दे पा रही है. वह बैंकों और विमान के ठेकेदारों के भुगतान नहीं कर पाई है. कुछ ठेकेदारों ने तो कथित तौर पर विमानों के पट्टा रद्द करना शुरू कर दिया है.

वित्त मंत्रालय जेट एयरवेज की वित्तीय सेहत को लेकर भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के नेतृत्व वाले बैंकों के संपर्क में है. अगर बैंक सरकार के प्रस्तावों से सहमति जताते हैं, तब एसबीआई और पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) सहित सरकारी बैंक और एनआईआईएफ एकसाथ मिलकर कम से कम विमानन कंपनी का एक-तिहाई हिस्सा खरीद सकते हैं, जब तक कि उन्हें कोई नया खरीददार नहीं मिल जाता. कुछ समय पहले विमान कंपनी के घरेलू पायलटों के निकाय नेशनल एविएटर्स गिल्ड की बैठक हुई थी.

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जेट एयरवेज ने इस साल की शुरुआत में उड़ान के 25 साल पूरे किये है. 31 मार्च, 2018 को कंपनी में 16,558 स्थायी कर्मचारी थे. जेट एयरवेज में कुल 16,000 कर्मचारी काम कर रहे हैं. एयरलाइन की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार 2017-18 में 6,306 अस्थायी/आकस्मिक कर्मचारी थे. 2016 और 2017 तक लगातार दो साल के मुनाफे के बाद वित्त वर्ष 2018 में जेट को 767 करोड़ का घाटा हुआ था. बता दें कि Jet Airways में Gulf carrier Etihad की 24 फीसदी हिस्सेदारी है.

वित्तीय संकट से जूझ रही जेट एयरवेज ने अपने पट्टेदारों का बकाया नहीं चुकाया है, जिस वजह से विमानन कंपनी लगातार अपने विमानों का परिचालन बंद कर रही है. कंपनी ने अब तक अपने 40 से अधिक विमान खड़े कर दिए हैं.