भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) ने हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों को निर्देश दिया है कि वो 30 दिनों के अंदर इंश्योरेंस क्लेम का निपटारा करें। साथ ही यह भी कहा है कि अगर तीस दिन से ज्यादा समय लगता है तो उन्हें बैंक की ब्याज दर के साथ 2 फीसदी और ब्याज देना होगा।
आईआरडीएआई का कहना है कि वो बीमा धारकों के हितों को ध्यान में रखकर ये निर्देश दिया गया है।
बीमा कंपनियों को जारी की गई अधिसूचना में कहा गया है, 'उपलब्ध कराई गई अंतिम कागज़ात की तारीख के 30 दिनों के अंदर बीमा कंपनियों को क्लेम का निपटारा करना होगा। साथ ही भुगतान में देरी होने पर बीमा कंपनियों को बैंक की दर के साथ ही 2 फीसदी आर ब्याज देना होगा।'
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आईआरडीएआई ने कहा है कि अगर किसी मामले में जांच की ज़रूरत पड़ती हो तो भी उसे 30 दिन के अदर ही जांच पूरी करनी होगी।
निर्देश में कहा है, 'ऐसे मामलों में 45 दिनों के अंदर भुगतान करना होगा।'
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Source : News Nation Bureau