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मोदी के 5 साल: निवेशकों का भरोसा बरकरार, सेंसेक्स 16,100 अंक बढ़ा

2014 के अप्रैल में सेंसेक्स 22,939 के स्तर पर कामकाम कर रहा था. वहीं सेंसेक्स ने 2019 के फाइनेंशियल ईयर के पहले दिन 39,028 की रिकॉर्ड ऊंचाई को छू लिया

Updated on: 07 Apr 2019, 07:40 AM

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के शेयर बाज़ार ने कई कीर्तिमान बनाए हैं. प्रधानमंत्री के शासनकाल में शेयर बाज़ार में निवेशकों का भरोसा बढ़ा है. आंकड़े तो यही बताते हैं. आंकड़ों की बात करें तो पिछले 5 साल में सेंसेक्स और निफ्टी में अभूतपूर्व तेज़ी आई है. 2014 के अप्रैल से मौजूदा अप्रैल की तुलना करें तो सेंसेक्स में करीब 16,100 अंकों की ज़ोरदार तेज़ी देखने को मिली है. वहीं निफ्टी ने भी इस दौरान 4,900 अंक की तेज़ी दर्ज की है.

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गौरतलब है कि मोदी के सत्ता में आने से पहले 2014 के अप्रैल में सेंसेक्स 22,939 के स्तर पर कामकाम कर रहा था. वहीं सेंसेक्स ने 2019 के फाइनेंशियल ईयर के पहले दिन 39,028 की रिकॉर्ड ऊंचाई को छू लिया. 2014 के अप्रैल में निफ्टी में 6,902 के स्तर पर कारोबार हुआ था, जबकि आज निफ्टी 11,783.90 के स्तर पर कारोबार करते हुए देखी गई. पिछले 5 साल में सेंसेक्स और निफ्टी में आई तेज़ी ने साबित किया है कि निवेशक मोदी सरकार की नीतियों को लेकर आश्वस्त हैं. हालांकि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने कार्यकाल के दौरान नोटबंदी, जीएसटी से कई बड़े कदम उठाए, जिसका विपक्षी पार्टियों ने काफी विरोध किया. वहीं अगर शेयर बाज़ार की बात करें तो शॉर्ट टर्म में उन योजनाओं का नकारात्मक असर मार्केट पर पड़ा लेकिन गिरावट के बाद शेयर मार्केट ने फिर रफ्तार पकड़ ली.

अप्रैल 2014 से अप्रैल 2019 के दौरान देश की दिग्गज कंपनियों के शेयरों में भी ज़ोरदार तेज़ी देखने को मिली है. अप्रैल 2014 में रिलायंस इंडस्ट्री के शेयर का भाव जहां 468 रुपये था. वहीं 1 अप्रैल 2019 को यह बढ़कर 1385 रुपये हो गया है. टीसीएस (TCS) और टाटा केमिकल का शेयर भी इस दौरान दोगुना हो गया. TCS का भाव 1077 रुपये से बढ़कर 2029 रुपये और टाटा केमिकल का शेयर 283 रुपये से बढ़कर 610 रुपये के स्तर पर पहुंच गया है.