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पेंट कंपनियों के शेयरों में बन रहा है निवेश का मौका, जानिए कैसे मिलेगा फायदा

रिपोर्ट के मुताबिक कोविड की दूसरी लहर के दौरान डेकोरेटिव और इंडस्ट्रियल सेगमेंट को हुई नुकसान की भरपाई होने की उम्मीद है. वहीं दूसरी ओर बैलेंस शीट बेहतर रहने से इंडस्ट्री की कंपनियों के क्रेडिट प्रोफाइल भी स्थिर रहेंगे.

Updated on: 07 Oct 2021, 03:45 PM

highlights

  • कच्चे तेल की कीमतों में आई तेजी की वजह से मार्जिन को बनाए रखना चुनौती होगी
  • देश की पेंट कंपनियां ऑर्गनाइज्ड सेक्टर के रेवेन्यू में 96 फीसदी हिस्सेदारी रखती हैं

मुंबई:

अगर आप शेयर बाजार में निवेश करने के लिए योजना बना रहे हैं तो आपके पास एक बेहतरीन मौका निकलकर सामने आ रहा है. दरअसल, रेटिंग एजेंसी क्रिसिल (CRISIL) की एक रिपोर्ट के मुताबिक सकारात्मक कंज्यूमर सेंटीमेंट और आर्थिक रिकवरी को देखते हुए पेंट इंडस्ट्री (Paint Industry) 12 फीसदी की रेवेन्यू ग्रोथ (Revenue Growth) हासिल कर सकती है. रिपोर्ट के मुताबिक कोविड की दूसरी लहर के दौरान डेकोरेटिव और इंडस्ट्रियल सेगमेंट को हुई नुकसान की भरपाई होने की उम्मीद है. वहीं दूसरी ओर बैलेंस शीट बेहतर रहने से इंडस्ट्री की कंपनियों के क्रेडिट प्रोफाइल भी स्थिर रहेंगे. 

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क्रूड कीमतों में तेजी से मार्जिन बनाए रखना चुनौती
बता दें कि देश में शेयर बाजार में पेंट सेक्टर की लिस्टेड कंपनियों में एशियन पेंट्स (Asian Paints), एक्जो नोबल (ड्यूलक्स पेंट्स), बर्जर पेंट्स (Berger Paints), इंडिगो पेंट्स (Indigo Paints), कंसाई नेरोलक पेंट्स (Kansai Nerolac Paints) और शालीमार पेंट्स (Shalimar Paints) शामिल हैं. गुरुवार को शेयर बाजार में एशियन पेंट्स 3,284 रुपये, बर्जर पेंट्स 830 रुपये, कंसाई नेरोलक पेंट्स 640 रुपये, इंडिगो पेंट्स 2,526 रुपये और शालीमार पेंट्स 97.70 रुपये के स्तर पर कारोबार करते हुए देखा गया. रिपोर्ट के मुताबिक पेंट कंपनियों को कच्चे तेल की कीमतों में आई तेजी की वजह से अपने मार्जिन को बनाए रखना चुनौती होगी.  

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क्रिसिल की रिपोर्ट के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में पेंट कंपनियां मजबूत वापसी कर सकती हैं. रिपोर्ट के मुताबिक पेंट कंपनियां कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर के दौरान हुए नुकसान की भरपाई करने में कामयाब हो सकती हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मौजूदा समय में भारतीय पेंट इंडस्ट्री का आकार तकरीबन 53 हजार करोड़ रुपये का है. देश की पेंट कंपनियां ऑर्गनाइज्ड सेक्टर के रेवेन्यू में 96 फीसदी हिस्सेदारी रखती हैं.