भारत का माल निर्यात चौथी तिमाही में 4.9 फीसदी बढ़ने की उम्मीद

रिपोर्ट में कहा गया है कि कुल माल निर्यात 78.6 अरब डॉलर हो सकता है, जो 4.9 प्रतिशत बढ़ रहा है. इसी तरह, गैर-तेल निर्यात बढ़ने की उम्मीद है. 2020-21 की चौथी तिमाही के दौरान 12 प्रतिशत की वृद्धि के साथ वे 73.9 अरब डॉलर तक पहुंच सकते हैं.

author-image
Ravindra Singh
एडिट
New Update
business news

बिजनेस न्यूज( Photo Credit : आईएएनएस)

भारत के माल का निर्यात वित्तवर्ष 2021 की चौथी तिमाही में 4.9 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है. एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट बैंक ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट में भविष्यवाणी की गई है. तदनुसार, रिपोर्ट में कहा गया है कि कुल माल निर्यात 78.6 अरब डॉलर हो सकता है, जो 4.9 प्रतिशत बढ़ रहा है. इसी तरह, गैर-तेल निर्यात बढ़ने की उम्मीद है. 2020-21 की चौथी तिमाही के दौरान 12 प्रतिशत की वृद्धि के साथ वे 73.9 अरब डॉलर तक पहुंच सकते हैं. बहरहाल, 2020-21 के लिए कुल निर्यात 279.4 अरब डॉलर रहने का अनुमान है जो 2019-20 के दौरान 10.8 प्रतिशत का संकुचन देखा गया.

इसके अलावा, 2019-20 में गैर-तेल निर्यात 5.6.8 अरब डॉलर से अधिक होने का अनुमान है, जो 5.6 प्रतिशत का संकुचन है. बैंक ने एक बयान में कहा कि पेट्रोलियम उत्पादों के भारत के निर्यात में गिरावट का श्रेय बड़े पैमाने पर वैश्विक मंदी को दिया जा सकता है. महामारी के कारण व्यापार में वैश्विक संकुचन को देखते हुए भारत से गैर-तेल निर्यात लचीला रहा है. भारत से गंभीर व्यवधानों और लॉजिस्टिक बाधाओं के बावजूद निर्यात में तेजी बनी हुई है. यह पूवार्नुमान इंडिया एक्जिम बैंक के एक्सपोर्ट लीडिंग इंडेक्स (ईएलआई) मॉडल पर आधारित है, जिसने इसी तिमाही के दौरान ऊपर की ओर गति दिखाई है.

Advertisment

मालभाड़ा में वृद्धि से खाने-पीने की चीजों में इजाफा
जानकार बताते हैं कि डीजल के दाम में वृद्धि से मालभाड़ा में बढ़ोतरी होने से खाने-पीने की चीजों के दाम में इजाफा हुआ है. गेहूं, चना, मसूर और सरसों समेत अन्य रबी फसलों की आवक मध्यप्रदेश समेत देश के कुछ अन्य प्रांतों में भी शुरू हो चुकी है और अगले महीने तक रबी फसलों की आवक जोर पकड़ लेगी, लेकिन जानकार बताते हैं कि रबी फसलों की आवक बढ़ने पर भी खाने के तेल और दाल के दाम में नरमी की उम्मीद कम है. हालांकि प्याज के दाम में काफी गिरावट आ चुकी है और आलू भी काफी सस्ता हो गया है. हॉर्टिकल्चर प्रोड्यूस एक्सपोटर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अजित शाह ने आईएएनएस को बताया कि आलू और प्याज में आगे भी नरमी बनी रहेगी क्योंकि पैदावार बंपर है, लेकिन अन्य हरी शाक-सब्जियों की आवक कम होने से फिलहाल इनके दाम में तेजी बनी रह सकती है.

परिवहन लागत में 10 से 12 फीसदी इजाफा
ऑल इंडिया दाम मिल्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल ने बताया कि रबी सीजन की सबसे प्रमुख दलहन चना इस समय 4900-5100 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा है और सरकारी खरीद चालू होने के बाद चने का भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम कम रहने की संभावना नहीं है जबकि अन्य दालों के दाम उपर ही चल रहे हैं. तेल-तिलहन बाजार विशेषज्ञ बताते हैं कि अप्रैल से पहले खाद्य तेल में नरमी के आसार कम हैं. वहीं, अनाजों व अन्य खाद्य वस्तुओं की परिवहन लागत बढ़ने से उनके दाम में इजाफा हो गया है. ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के सेक्रेटरी जनरल नवीन गुप्ता ने बताया कि खाने-पीने की चीजों की आवाजाही कोरोना काल में कभी नहीं रूकी और इसमें ट्रांसपोर्ट की मांग लगातार बनी हुई है, इसलिए डीजल के दाम में बढ़ोतरी के बाद इनके परिवहन लागत में 10 से 12 फीसदी का इजाफा हुआ है. उन्होंने बताया कि ट्रांसपोर्टर प्राय: उन्हीं क्षेत्रों में मालभाड़ा बढ़ाते हैं जहां ट्रांसपोर्ट की मांग होती है. मसलन, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स की मांग कम है इसलिए वहां मालभाड़े में बढ़ोतरी नहीं हुई है.

HIGHLIGHTS

  • चौथी तिमाही में माल निर्यात बढ़ने की उम्मीद
  • माल निर्यात 4.9 फीसदी बढ़ने की उम्मीद
  • कुल माल निर्यात 78.6 अरब डॉलर हो सकता है
Global Recession Exports Expected Grow India Merchandise business news in hindi Business News Fourth Quarter
      
Advertisment