केंद्रीय वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु ने सोमवार को कहा कि अमेरिका के हालिया संरक्षणवादी कदमों से देश के निर्यात पर पड़ने वाले असर के मद्देनजर जल्द की भारत अमेरिका से बात करेगा।
अमेरिका ने इस्पात और अल्युमीनियम के आयात पर क्रमश: 25 फीसदी और 10 फीसदी शुल्क लगा दिया है जिससे भारत का निर्यात प्रभावित हो सकता है क्योंकि भारत अमेरिका को इस्पात और अल्युमीनियम का निर्यात करता है।
पिछले सप्ताह चीन ने सुअर गोश्त और शराब समेत 128 अमेरिकी वस्तुओं पर 25 फीसदी आयात शुल्क बढ़ाकर अमेरिकी संरक्षणवादी नीतियों का विरोध किया था।
अमेरिकी सहायक व्यापार प्रतिनिधि (यूएसटीआर) मार्क लिम्सकॉट इस सप्ताह यहां आने वाले हैं। वह भारत को आयात शुल्क में छूट के लिए अपनी बात रखने का मौका देंगे।
अमेरिका पहले ही यूरोपीय संघ, अर्जेटीना, आस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, मेक्सिको और दक्षिण कोरिया को आयात शुल्क में छूट दे चुका है।
पिछले महीन विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के मिनी मिनिस्टेरिल मीटिंग में प्रभु ने घोषणा की थी कि संरक्षणवादी कदमों को लेकर भारत अमेरिका के साथ द्विपक्षीय बातचीत करेगा।
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के सालाना बैठक को संबोधित करते हुए सोमवार को प्रभु ने कहा कि मौजूदा दौर में वैश्वीकरण और बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली को मिल रही चुनौती से भारत को फायदा मिल सकता है। इसके लिए सुविचारित रणनीति की जरूरत है।
उन्होंने कहा, 'भारत के पास अवसर है क्योंकि प्रमुख देशों और आसियान व यूरोपीय संघ जैसे समूहों के साथ हमारे अच्छे संबंध हैं। हम सुविचारित रणनीति के साथ इन नई चुनौतियों से निपट सकते हैं।'
और पढ़ें: PNB घोटाले से हुए नुकसान पर बोले एमडी, छह महीने के भीतर उबर जाएगा बैंक
Source : IANS