निवेशकों के लिए भारत सबसे पसंदीदा जगह, अमेरिका इस साल कर चुका है 40 अरब डॉलर से ज्यादा का निवेश
यूएसआईएसपीएफ के अध्यक्ष मुकेश अघी ने कहा कि कोविड-19 महामारी (Coronavirus Epidemic) के बीच अमेरिकी कंपनियों ने भारत के प्रति काफी भरोसा दिखाया है, जबकि इस दौरान दुनिया की अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है.
वाशिंगटन:
Coronavirus (Covid-19): अमेरिका (America) से भारत (India) को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) का आंकड़ा इस साल अब तक 40 अरब डॉलर के आंकड़े को पार कर गया है. भारत पर केंद्रित एक लॉबिंग समूह का कहना है कि यह देश के प्रति अमेरिकी कंपनियों के बढ़ते भरोसे को दर्शाता है. अमेरिका-भारत रणनीतिक एवं भागीदारी मंच (यूएसआईएसपीएफ) के अध्यक्ष मुकेश अघी ने कहा कि कोविड-19 महामारी (Coronavirus Epidemic) के बीच अमेरिकी कंपनियों ने भारत के प्रति काफी भरोसा दिखाया है, जबकि इस दौरान दुनिया की अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है.
यह भी पढ़ें: कोरोना काल में लोगों का रुझान पेंशन की ओर बढ़ा, राष्ट्रीय पेंशन योजना से 1.03 लाख नए सदस्य जुड़े
पश्चिम एशिया और सुदूर-पूर्व से भी भारत में आया निवेश
यूएसआईएसपीएफ भारत में अमेरिकी की ओर से बड़ी एफडीआई पर नजर रखता है. अघी ने कहा कि आज की तारीख तक भारत में अमेरिका से निवेश 40 अरब डॉलर के आंकड़े को पार कर गया है. उन्होंने गूगल, फेसबुक और वॉलमार्ट जैसी बड़ी कंपनियों के निवेश का जिक्र करते हुए कहा कि हाल के सप्ताहों में ही अमेरिका की ओर से भारत में 20 अरब डॉलर से अधिक का विदेशी निवेश किया गया है. उन्होंने कहा कि भारत के प्रति निवेशकों का भरोसा काफी ऊंचा है. भारत अब भी विदेशी निवेशकों के लिए काफी आकर्षक बाजार है. हाल में सिर्फ अमेरिका से 20 अरब डॉलर का ही निवेश नहीं आया है, बल्कि पश्चिम एशिया और सुदूर-पूर्व से भी निवेश आया है.
यह भी पढ़ें: कोरोना वायरस का खेती पर नहीं पड़ा असर, देशभर में अबतक 692 लाख हेक्टेयर में हुई खरीफ की बुवाई
भविष्य की नीतियां कोविड-19 के बीच अर्थव्यवस्था को समर्थन देने वाली हों: आरबीआई ईडी
भारतीय रिजर्व बैंक के कार्यकारी निदेशक एम राजेश्वर राव ने शु्क्रवार को कहा कि भविष्य की आर्थिक नीतियां कोविड-19 के इस दौर में अर्थव्यवस्था को समर्थन देने वाली होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि यह इस बात पर निर्भर करेगा कि इस महामारी का प्रभाव क्या रहता है. उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक की ओर से पहली प्रतिक्रिया यह सुनिश्चित करना होगा कि बाजारों का कामकाज जारी रहे और वित्तीय क्षेत्र की ऋण शोधन क्षमता बनी रहे. राव ने उद्योग मंडल एसोचैम द्वारा आयोजित एक वेबिनार को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्रीय बैंक ने कई उपायों मसलन नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में कटौती, विशेष वित्त सुविधा, दीर्घावधि रेपो परिचालन (एलटीआरओ) और लक्षित दीर्घावधि रेपो परिचालन (टीएलटीआरओ) की घोषणा की है.
यह भी पढ़ें: उपभोक्ताओं के साथ धोखा करना पड़ेगा महंगा, मोदी सरकार 20 जुलाई से लागू करने जा रही है ये नया कानून
उन्होंने कहा कि विभिन्न उपायों के जरिये रिजर्व बैंक ने महामारी के दौरान बैंकिंग प्रणाली में 6.5 लाख करोड़ रुपये की तरलता डाली है. उन्होंने कहा कि आगे चलकर हमें यह देखना होगा कि विभिन्न क्षेत्रों की कारोबारी गतिविधियों पर इसका क्या असर हुआ. इस मुद्दे को निपटाने के बाद इसी के अनुरूप नीतियां बनानी होंगी. हमें जो स्थिति बन रही है उसे देखना होगा और उसी के अनुकूल नीतियों को संशोधित करना होगा. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि देश-दुनिया हमेशा इस महामारी की गिरफ्त में नहीं रहेंगी. निकट भविष्य में यह महामारी संयुक्त इलाज, टीके और बेहतर प्रतिरोधक क्षमता से समाप्त होगी. महामारी का प्रभाव क्या रहता है भविष्य की नीतियां उसी के इर्द-गिर्द बनाई जानी चाहिए.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Kajol Workout Routine: 49 की उर्म में ऐसे इतनी फिट रहती हैं काजोल, शेयर किया अपना जिम रुटीन
-
Viral Photos: निसा देवगन के साथ पार्टी करते दिखे अक्षय कुमार के बेटे आरव, साथ तस्वीरें हुईं वायरल
-
Moushumi Chatterjee Birthday: आखिर क्यों करियर से पहले मौसमी चटर्जी ने लिया शादी करने का फैसला? 15 साल की उम्र में बनी बालिका वधु
धर्म-कर्म
-
Vikat Sanakashti Chaturthi 2024: विकट संकष्टी चतुर्थी व्रत कब? बस इस मूहूर्त में करें गणेश जी की पूजा, जानें डेट
-
Shukra Gochar 2024: शुक्र ने किया मेष राशि में गोचर, यहां जानें किस राशि वालों पर पड़ेगा क्या प्रभाव
-
Buddha Purnima 2024: कब है बुद्ध पूर्णिमा, वैशाख मास में कैसे मनाया जाएगा ये उत्सव
-
Shani Shash Rajyog 2024: 30 साल बाद आज शनि बना रहे हैं शश राजयोग, इन 3 राशियों की खुलेगी लॉटरी