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भारत दोपहिया वाहनों के लिए चीन से आगे निकल कर दुनिया का सबसे बड़ा बाजार बन गया है। पिछले साल कुल 17.7 मिलियन दुपहिया वाहन बेचे गए थे। बताया जाता है कि प्रति दिन 48,000 से अधिक दुपहिया वाहन बेचे जाते हैं।
सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सिआम) की औद्योगिक बॉडी सोसाइटी और चीन एसोसिएशन ऑफ ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स के आंकड़ों के मुताबिक, पड़ोसी चीन ने 16.8 मिलियन यूनिट्स वाहन बेचे हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ती हुई बुनियादी सुविधाओं के अलावा, शहरों में तेजी से बिक्री का एक बड़ा कारण महिलाओं का भी है जो शहरों में होंडा के गियरलेस स्कुटर को चलाना आसान समझती हैं। शहरों में महिलाओं की हिस्सेदारी 35% है जो गियरलेस स्कूटर चलाती हैं।
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कार की बिक्री में तेजी से बढ़ोतरी और शीर्ष शहरों में पेट्रोल के दो पहिया वाहनों पर प्रतिबंध लगने के कारण पिछले कुछ सालों में चीन में बाजार में गिरावट आई है। सिआम के उप-डीजी सुगातो सेन का कहना है कि चीनी बाजार कुछ साल में 25 मिलियन या इससे ज्यादा के ऊंचे स्तर से नीचे आ चुका है। हालांकि, चीन में इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स की बिक्री तेजी से बढ़ रही है।
इंडोनेशिया की स्थिति वार्षिक बिक्री में दुनिया में तीसरे स्थान पर है, जो प्रतिदिन 6 मिलियन यूनिट वाहनों की बिक्री करता है। इंडोनेशिया में साल 2015 में 6.5 मिलियन यूनिट वाहन की बिक्री हुई थी।
आयशर मोटर्स के सीईओ सिद्धार्थ लाल ने कहा है कि पिछले कुछ सालों में भारत एक ऐसा बाजार है जहां दुपहिया वाहन की बिक्री की मांग बढ़ रही है और इसके उत्पादन की क्षमता भी बढ़ती जा रही है।
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Source : News Nation Bureau