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मोदी सरकार ने इस बड़ी सरकारी कंपनी को बेचने का लिया फैसला, जानिए कैबिनेट के अन्य बड़े निर्णय

कैबिनेट की बैठक में नीलाचल इस्पात निगम लिमिटेड (Neelachal Ispat Nigam Limited) की बिक्री को मंजूरी दे दी गई है.

Updated on: 08 Jan 2020, 03:44 PM

नई दिल्ली:

केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार ने एक बड़ी सरकारी कंपनी को बेचने का फैसला किया है. आज यानि बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इसको लेकर फैसला लिया गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कैबिनेट की बैठक में नीलाचल इस्पात निगम लिमिटेड (Neelachal Ispat Nigam Limited) की बिक्री को मंजूरी दे दी गई है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मोदी सरकार की नीलाचल इस्पात निगम लिमिटेड में अपनी पूरी 100 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की योजना है.

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नीलाचल इस्पात निगम में सरकार की 100 फीसदी हिस्सेदारी
मौजूदा समय में नीलाचल इस्पात में सरकार की 100 हिस्सेदारी हिस्सेदारी है. नीलाचल इस्पात निगम में MMTC की 49.08 फीसदी, NMDC की 10.10 फीसदी, मेकॉन और BHEL की 0.68 फीसदी हिस्सेदारी है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कंपनी ने 2018-19 में 126 फीसदी का ग्रोथ हासिल किया है. फिलहाल इस कंपनी की उत्पादन क्षमता 1.1 मिलियन टन है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक केंद्र सरकार कंपनी की बिक्री के जरिए पूंजी जुटाना चाहती है. सरकार ने कंपनी की बिक्री के लिए परामर्शदाता नियुक्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.

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कोल इंडिया का 2024 तक 1 बिलियन टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य
कैबिनेट की बैठक में कोयले के खनन में व्यवसायिक खनन का रास्ता साफ कर दिया है. केंद्र सरकार का कहना है कि कोयले की मांग भारत मे बहुत ज्यादा है. भारत में कोयला प्रयाप्त है लेकिन फिर भी हम विदेशों से आयात करते हैं. केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि कोल इंडिया को जो सपोर्ट चाहिए वो हम देने के लिए तैयार है और उनको पर्याप्त कोल ब्लॉक दिए जाएंगे.

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उन्होंने कहा कि कोल इंडिया का 2024 तक 1 बिलियन टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य है और सरकार इसके लिए पूरी मदद देगी. कोल ब्लॉक के ऑक्शन में जो रोक लगी थी उसे हम हटाने जा रहे है और उसके लिए ऑर्डिनेंस ला रहे हैं. सरकार ने एमएमडीआर अधिनियम (MMDR Act) में बदलाव करने की भी घोषणा की है और यह बदलाव अध्यादेश के जरिए किए जाने की संभावना है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 24 घंटे के भीतर सभी बदलाव लागू होने की उम्मीद है.