विदेशी मुद्रा भंडार (Forex Reserve) 452 अरब डॉलर की नई ऊंचाई पर पहुंचा

चालू वित्त वर्ष की शुरुआत से अब तक विदेशी मुद्रा भंडार में 38.8 अरब डॉलर की बढ़ोत्तरी हो चुकी है. यह हाल के वर्षों में सबसे अधिक वृद्धि हुई है.

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Dhirendra Kumar
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विदेशी मुद्रा भंडार (Forex Reserve) 452 अरब डॉलर की नई ऊंचाई पर पहुंचा

विदेशी मुद्रा भंडार (Forex Reserve) 452 अरब डॉलर की नई ऊंचाई पर पहुंचा( Photo Credit : फाइल फोटो)

देश का विदेशी मुद्रा भंडार (Forex Reserve) 3 दिसंबर तक बढ़कर 451.7 अरब डॉलर के नए स्तर पर पहुंच गया. रिजर्व बैंक (Reserve Bank) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को यह बात कही. उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष की शुरुआत से अब तक विदेशी मुद्रा भंडार में 38.8 अरब डॉलर की बढ़ोत्तरी हो चुकी है. यह हाल के वर्षों में सबसे अधिक वृद्धि हुई है. दास यहां चालू वित्त वर्ष की पांचवी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा जारी करने बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोल रहे थे. रिजर्व बैंक ने इस समीक्षा के दौरान अपनी नीतिगत दरों को 5.15 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा है.

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विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर 448.60 अरब डॉलर पर पहुंच गया
रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा 22 नवंबर तक के जारी आंकड़ों के मुताबिक सप्ताह के दौरान देश का विदेशी मुद्रा भंडार 34.7 करोड़ डॉलर बढ़कर 448.60 अरब डॉलर पर पहुंच गया. देश का विदेशी मुद्रा भंडार पिछले कुछ महीनों से लगातार नई ऊंचाइयों को छू रहा है और यह पहली बार 450 अरब डॉलर के पार पहुंचा है.

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RBI ने Credit Policy में ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया

रिजर्व बैंक (RBI) ने ब्याज दरों में कोई भी बदलाव नहीं किया है. बाजार को उम्मीद थी कि रिजर्व बैंक लगातार छठवीं बार ब्याज दरों में कटौती कर सकता है. मौद्रिक नीति समिति (MPC) के सभी 6 सदस्य ब्याज दरों में कटौती के पक्ष में नहीं थे. हालांकि रिजर्व बैंक ने भविष्य में ब्याज दरों में कटौती की संभावना जताई है. रिजर्व बैंक का कहना है कि CPI को ध्यान में रखते हुए ग्रोथ पर फोकस है. रिजर्व बैंक ने अक्टूबर-मार्च के लिए महंगाई लक्ष्य बढ़ाकर 4.7 फीसदी-5.1 फीसदी कर दिया है. इसके अलावा वित्त वर्ष 2019-2020 के लिए जीडीपी ग्रोथ अनुमान 6.1 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया गया है. इससे पहले अक्टूबर में RBI ने रियल GDP ग्रोथ 6.1 फीसदी रहने का अनुमान जताया था.

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RBI का कहना है कि छोटी अवधि में महंगाई दर बढ़ने का अनुमान है. मौजूदा समय में ग्राहकों तक रेट कटौती का फायदा धीमा पहुंच रहा है. कोऑपरेटिव बैंक में घोटाले को लेकर RBI ने कहा है कि कोऑपरेटिव बैंक के लिए डेटा बेस बनाया जाएगा और उसके लिए रेग्युलेटरी नियम भी बनाए जाएंगे.

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