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फ्लैश सेल को लेकर सरकार की ओर से आया ये बड़ा बयान, ई-कॉमर्स कंपनियों को चिंता करने की जरूरत नहीं

सरकार का कहना है कि उपभोक्ताओं को ज्यादा से ज्यादा फायदा देने वाली छूट आधारित बिक्री जारी रहेगी. हालांकि सरकार का कहना है कि ई-कॉमर्स मंच पर फर्जी फ्लैश सेल नहीं होगी.

Updated on: 23 Jun 2021, 09:29 AM

highlights

  • उपभोक्ता की शिकायतों के आधार पर कानून के अनुसार कार्रवाई होगी
  • सरकार का कहना है कि ई-कॉमर्स मंच पर फर्जी फ्लैश सेल नहीं होगी

नई दिल्ली :

केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार ने कहा है कि वस्तुओं और सेवाओं की बिक्री में धोखाधड़ी को रोकने के लिए ई-कॉमर्स कंपनियों से फ्लैश सेल की जानकारी नहीं ली जाएगी. सरकार का कहना है कि उपभोक्ता से मिली शिकायतों के आधार पर कानून के अनुसार उचित कार्रवाई की जाएगी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार का कहना है कि उपभोक्ताओं को ज्यादा से ज्यादा फायदा देने वाली छूट आधारित बिक्री जारी रहेगी. हालांकि सरकार का कहना है कि ई-कॉमर्स मंच पर फर्जी फ्लैश सेल नहीं होगी. बता दें कि फ्लैश सेल से आशय भारी छूट के जरिए ग्राहकों को आकर्षित करने से है.

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नियमों के मसौदे के बारे में ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार का कहना है कि ई-कॉमर्स कंपनियों को नियमों के मसौदे के बारे में ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है. बता दें कि केंद्र सरकार ने उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियम, 2020 (Consumer Protection (E-commerce) Rules, 2020) में संशोधन करने के लिए सुझाव आमंत्रित किए हैं. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के संयुक्त सचिव ने एक सार्वजनिक सूचना में कहा है कि 15 दिन के भीतर (6 जुलाई, 2021 तक) प्रस्तावित संशोधनों पर विचार, टिप्पणियां और सुझाव ईमेल के द्वारा जेएस-सीए@एनआईसी.आईएन (js-ca@nic.in) पर भेजा जा सकता है. 

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उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव निधि खरे का कहना है कि सरकार फ्लैश बिक्री के बारे में जानकारी नहीं मांग रही है. उन्होंने कहा कि सरकार अधिकतम उपभोक्ताओं को फायदा हो इसके लिए हम बिक्री के साथ हैं. उनका कहना है कि अगर कोई शिकायत करना चाहता है, तो इसके लिए कम से कम एक व्यवस्था होनी चाहिए. उन्होंने स्पष्ट किया कि मंत्रालय ई-कॉमर्स मंच पर व्यापार को विनियमित नहीं करेगा. बता दें कि प्रस्तावित संशोधनों में ई-कॉमर्स कंपनियों को किसी भी कानून के तहत अपराधों की रोकथाम, पता लगाने, जांच करने और अभियोजन के लिए सरकारी एजेंसी से आदेश मिलने के 72 घंटे के भीतर सूचना मुहैया करानी जरूरी होगी.