Direct and Indirect Taxes: प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर में क्या है अंतर? कैसे की जाती है वसूली

Direct and Indirect Taxes: प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष टैक्स, दोनों ही विभिन्न प्रकार के कर होते हैं जो सरकार द्वारा वसुले जाते हैं. प्रत्यक्ष टैक्स भारतीय नागरिकों द्वारा उनकी आय के आधार पर देय किया जाता है

Direct and Indirect Taxes: प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष टैक्स, दोनों ही विभिन्न प्रकार के कर होते हैं जो सरकार द्वारा वसुले जाते हैं. प्रत्यक्ष टैक्स भारतीय नागरिकों द्वारा उनकी आय के आधार पर देय किया जाता है

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Mohit Sharma
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Direct and Indirect Taxes

Direct and Indirect Taxes ( Photo Credit : File Pic)

Direct and Indirect Taxes: प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष टैक्स, दोनों ही विभिन्न प्रकार के कर होते हैं जो सरकार द्वारा वसूले जाते हैं. प्रत्यक्ष टैक्स भारतीय नागरिकों द्वारा उनकी आय के आधार पर देय किया जाता है. इसमें शामिल हैं आयकर, वस्त्र कर, जीएसटी और वाहन कर. यह सरकार को आय स्रोत प्रदान करता है जिससे समाज के विकास के लिए आवश्यक योजनाओं को संचालित किया जा सकता है. अप्रत्यक्ष टैक्स उन टैक्स हैं जो उत्पादों और सेवाओं के बेचने और खरीदने पर लागू होते हैं. इसमें शामिल हैं सेवा कर, सेंट्रल एक्साइज़ ड्यूटी (सीएड), गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) आदि. यह सरकारी राजस्व का महत्वपूर्ण स्रोत होता है जिसके माध्यम से समाज की सेवाओं और अवसंरचना को विकसित किया जाता है. इस प्रकार, प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष टैक्स द्वारा भारतीय सरकार को राजस्व का स्रोत प्राप्त होता है जिसके माध्यम से विभिन्न सामाजिक योजनाओं को संचालित किया जाता है. इनके बीच मुख्य अंतर क्या है आइए जानते हैं. 

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प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष टैक्स में 10 बड़े अंतर 

देयता: प्रत्यक्ष टैक्स व्यक्तियों द्वारा दिया जाता है, जबकि अप्रत्यक्ष टैक्स उत्पादों और सेवाओं के बेचने और खरीदने पर लागू होता है.

स्रोत: प्रत्यक्ष टैक्स व्यक्तिगत आय से प्राप्त होता है, जबकि अप्रत्यक्ष टैक्स उत्पादों और सेवाओं से प्राप्त होता है.

लागत: प्रत्यक्ष टैक्स की लागत सीधे व्यक्तियों पर होती है, जबकि अप्रत्यक्ष टैक्स की लागत उत्पादों और सेवाओं के मूल्य पर लागू होती है.

प्रक्रिया: प्रत्यक्ष टैक्स का निकास व्यक्तिगत आयकर रिटर्न के माध्यम से होता है, जबकि अप्रत्यक्ष टैक्स का निकास व्यापारिक बिल या इनवॉइस के माध्यम से होता है.

अनुमानित राजस्व: प्रत्यक्ष टैक्स की राशि सीधे निर्धारित होती है, जबकि अप्रत्यक्ष टैक्स की राशि उत्पादों और सेवाओं के विनियमित मूल्य पर आधारित होती है.

प्रभाव: प्रत्यक्ष टैक्स व्यक्तिगत आय पर प्रभाव डालता है, जबकि अप्रत्यक्ष टैक्स उत्पादों और सेवाओं की उपलब्धता पर प्रभाव डालता है.

कटौती: प्रत्यक्ष टैक्स पर कटौती कई व्यक्तिगत योजनाओं में किया जा सकता है, जबकि अप्रत्यक्ष टैक्स पर कटौती उत्पादों और सेवाओं के प्रकार पर निर्भर करती है.

अपराध: प्रत्यक्ष टैक्स के अपराध को संविदान के खिलाफ माना जाता है, जबकि अप्रत्यक्ष टैक्स के अपराध को व्यवसायिक कानून के तहत देखा जाता है.

प्रभाव: प्रत्यक्ष टैक्स का प्रभाव व्यक्तिगत या आय के स्तर पर होता है, जबकि अप्रत्यक्ष टैक्स का प्रभाव बाजार और उत्पादों के मूल्यों पर होता है.

प्रणाली: प्रत्यक्ष टैक्स प्रणाली स्थानीय, राज्यीय और केंद्रीय स्तर पर होती है, जबकि अप्रत्यक्ष टैक्स संयुक्त राज्यीय और केंद्रीय स्तर पर होती है.

इन अंतरों के माध्यम से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष टैक्स की विशेषताएँ स्पष्ट होती हैं और दोनों की महत्वपूर्ण भूमिका है भारतीय अर्थव्यवस्था में.

Source : News Nation Bureau

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