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DIPAM सचिव ने एयर इंडिया की बोली को लेकर किए जा रहे दावे को बताया गलत

दीपम (DIPAM) के सचिव ने ट्वीट के जरिए कहा है कि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह खबर आई है कि एयर इंडिया विनिवेश मामले (Air India Disinvestment) में भारत सरकार ने वित्तीय बोलियों को मंजूरी दे दी है यह रिपोर्ट गलत हैं.

Updated on: 01 Oct 2021, 05:04 PM

highlights

  • दावा किया जा रहा है कि टाटा संस ने जीत ली है एयर इंडिया की बोली 
  • 1953 में सरकार ने टाटा एयरलाइंस का अधिग्रहण कर लिया था

नई दिल्ली:

दीपम (DIPAM) के सचिव ने एयर इंडिया (Air India) की बोली को लेकर किए जा रहे दावे को गलत बताया है. उन्होंने ट्वीट के जरिए कहा है कि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह खबर आई है कि एयर इंडिया विनिवेश मामले (Air India Disinvestment) में भारत सरकार ने वित्तीय बोलियों को मंजूरी दे दी है यह रिपोर्ट गलत हैं. उन्होंने कहा कि सरकार इस संबंध में जब भी कोई निर्णय लेगी उसके बारे में मीडिया को सूचित किया जाएगा. सूत्रों के हवाले से दावा किया जा रहा है कि टाटा संस ने एयर इंडिया की खरीदारी के लिए सबसे ज्यादा कीमत लगाकर बोली जीती है. बता दें कि बिडिंग प्रक्रिया में दो बड़े प्लेयर्स में टाटा संस और स्पाइसजेट थे, लेकिन सूत्र बता रहे हैं कि टाटा ने जीत हासिल कर ली है. बता दें कि एयर इंडिया को खरीदने वालों की रेस में टाटा संस समेत कई कंपनियां शामिल थीं. हालांकि टाटा ग्रुप की टाटा संस को ही सबसे बड़े दावेदार के तौर पर देखा जा रहा था. वर्तमान में टाटा समूह की एयर एशिया और विस्तारा में भी हिस्सेदारी है. स्पाइसजेट (SpiceJet) की ओर से अजय सिंह ने एयर इंडिया के लिए बोली लगाई थी. 

बता दें कि पहले किसी समय में इस कंपनी का नाम टाटा एयरलाइंस ही था. जे आर डी टाटा ने 1932 में टाटा एयर सर्विसेज शुरू की थी, जो बाद में टाटा एयरलाइंस हुई और 29 जुलाई 1946 को यह पब्लिक लिमिटेड कंपनी हो गई थी. 1953 में सरकार ने टाटा एयरलाइंस का अधिग्रहण कर लिया और यह सरकारी कंपनी बन गई.

सरकार ने वर्ष 2020 में विनिवेश प्रक्रिया शुरू की थी
सरकार ने घाटे से जूझ रही एयर इंडिया को बेचने के लिए जनवरी 2020 में विनिवेश प्रक्रिया शुरू की थी. उसी दौरान देश में कोरोना वायरस का संक्रमण शुरू हो गया. जिसके चलते यह प्रक्रिया करीब 1 साल तक अधर में लटक गई. इस साल अप्रैल में सरकार ने इच्छुक कंपनियों से कहा कि वे एयर इंडिया को खरीदने के लिए वित्तीय बोली लगाएं. इसके लिए 15 सितंबर अंतिम तारीख तय की गई थी.

15 सितंबर को थी अंतिम तारीख
हाल ही में केंद्रीय उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने स्पष्ट किया था कि वित्तीय बोली लगाने के लिए अंतिम तारीख आगे नहीं बढ़ाई जाएगी. जिसके बाद बुधवार शाम तक सरकार के पास कई कंपनियों की वित्तीय बोली आ गई. सरकार ने इससे पहले वर्ष 2018 में एयर इंडिया की 76 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने की पेशकश की थी लेकिन वह कामयाब नहीं हो पाई. जिसके बाद सरकार ने इस साल कंपनी की शत-प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने का ऐलान किया.