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Coronavirus (Covid-19): मौजूदा हालात में मैन्युफैक्चरिंग हब बन सकता है भारत, रिन्यूएबल एनर्जी मंत्रालय ने जताई उम्मीद

Coronavirus (Covid-19): नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) ने कहा है कि भारत के लिए भारत में विनिर्माण की सुविधा के लिए नीतिगत बदलाव लाने का समय आ गया है. MNRE ने पहले ही निवेश की सुविधा के लिए RE उद्योग सुविधा और संवर्धन बोर्ड की स्थापना की है.

Updated on: 18 Apr 2020, 01:44 PM

नई दिल्ली:

Coronavirus (Covid-19): दुनियाभर में फैले जानलेवा कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से ज्यादातर देशों में मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियां सुस्त पड़ी हुई हैं. वहीं दूसरी ओर दुनिये के सबसे बड़े मैन्युफैक्चरिंग हब माने जाने वाले चीन से कई कंपनियां अपने मैन्युफैक्चरिंग यूनिट को हटा रही हैं. नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (Ministry of New and Renewable Energy-MNRE) ने कहा है कि भारत के लिए भारत में विनिर्माण की सुविधा के लिए नीतिगत बदलाव लाने का समय आ गया है. MNRE ने पहले से ही निवेश की सुविधा के लिए RE उद्योग सुविधा और संवर्धन बोर्ड की स्थापना की है.

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मंत्रालय ने राज्यों और पोर्ट से जमीन तलाश करने को कहा
नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने कई राज्यों और पोर्ट अथॉरिटी को रिन्यूएबल एनर्जी इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरिंग पार्क्स की स्थापना के लिए 50 से 500 एकड़ जमीन की तलाश करने को कहा है. मंत्रालय के मुताबिक तूतीकोरिन पोर्ट ट्रस्ट, मध्यप्रदेश और ओडिशा ने इस तरह के पार्क के लिए इच्छा जताई है.

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6.8 फीसदी घट गई चीन की जीडीपी
कोरोना महामारी से लड़ाई के लिए चीन ने कई महत्वपूर्ण आर्थिक कदम उठाए जिसकी वजह से उसे काफी आर्थिक झटका लगा. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 2020 की पहली तिमाही (जनवरी से मार्च) में चीन की जीडीपी जीडीपी 20.65 ट्रिलियन युआन दर्ज की गई है जो कि पिछले साल के मुकाबले 6.8 फीसदी कम है. बता दें कि वर्ष 1976 के बाद से चीन की अर्थव्यवस्था में ऐसी गिरावट पहली बार देखने को मिली है. 2019 में चीन की अर्थव्यवस्था में 6.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 2020 की पहली तिमाही में चीनी की जीडीपी 20.65 ट्रिलियन युआन (2,916 बिलियन डॉलर) दर्ज की गई है. बता दें कि चीन ने 1992 में अपनी जीडीपी को माप शुरू की थी.