logo-image

कैट (CAIT) ने अमेजन (Amazon) पर फेमा नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाया

कैट के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल (Praveen Khandelwal) ने बुधवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सार्वजनिक रूप में उपलब्ध विभिन्न दस्तावेज बताते हैं कि अमेजन ने अमेजन इंडिया में लगभग 35,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है, जो ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस है.

Updated on: 04 Nov 2020, 04:24 PM

नई दिल्ली:

व्यापारियों के संगठन कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (The Confederation of All India Traders-CAIT) ने ई-कॉमर्स क्षेत्र की प्रमुख कंपनी अमेजन (Amazon) पर प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नीति और विदेशी मुद्रा प्रबंधन कानून (फेमा) के उल्लंघन का आरोप लगाया है. कैट ने कहा कि अमेजन ने भारत में बहु-ब्रांड खुदरा गतिविधियों के संचालन के लिए भी सरकार से अनिवार्य अनुमति नहीं ली है. कैट के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल (Praveen Khandelwal) ने बुधवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सार्वजनिक रूप में उपलब्ध विभिन्न दस्तावेज बताते हैं कि अमेजन ने अमेजन इंडिया में लगभग 35,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है, जो ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस है.

यह भी पढ़ें: वीकली एक्सपायरी से पहले शेयर बाजार में मजबूती, 355 प्वाइंट बढ़कर बंद हुआ सेंसेक्स

अमेजन ने फ्यूचर कूपन प्राइवेट लिमिटेड में 1,430 करोड़ रुपये का निवेश किया: प्रवीण खंडेलवाल
उन्होंने कहा कि वास्तव में इस मंच पर बहु-ब्रांड खुदरा कारोबार हो रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि लगभग 4,200 करोड़ रुपये मोर रिटेल लिमिटेड (एक मल्टी-ब्रांड रिटेल कंपनी) में निवेश किए गए हैं, जिसे समारा कैपिटल के वैकल्पिक निवेश के जरिये अमेजन नियंत्रित करती है. वहीं अमेजन ने फ्यूचर कूपन प्राइवेट लिमिटेड में 1,430 करोड़ रुपये का निवेश किया है, लेकिन वास्तव में यह फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (एक बहु-ब्रांड खुदरा कंपनी) में एक नियंत्रित निवेश है.

यह भी पढ़ें: म्यूचुअल फंड में करते हैं निवेश, तो यह खबर सिर्फ आपके लिए ही है

खंडेलवाल ने कहा कि ये सभी निवेश फेमा नियमों का उल्लंघन हैं. कैट ने केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल को भेजे पत्र में विभिन्न कानूनों के उल्लंघन के लिए अमेजन के खिलाफ तत्काल सख्त कार्रवाई करने की मांग की है. कैट ने वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण, प्रवर्तन निदेशालय, भारतीय रिजर्व बैंक और भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) को पत्र भेजकर अमेजन के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.