50 लाख रुपये मासिक से अधिक के कारोबार वाली कंपनियों के लिए आया नया नियम, अब करना होगा ये काम
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने जीएसटी कर नियमों में कुछ बदलावों को अधिसूचित किया है. इन बदलावों के तहत जीएसटी पंजीकरण लेने तथा इनपुट कर क्रेडिट (आईटीसी) के जरिये कर देनदारी के निपटान की शर्तों को कड़ा किया गया है.
नई दिल्ली :
वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) ने कहा है कि 50 लाख रुपये से अधिक के मासिक कारोबार वाली इकाइयों को अनिवार्य रूप से कम से कम एक प्रतिशत माल एवं सेवा कर (GST) देनदारी का भुगतान नकद में करना होगा. यह कदम जाली बिल (इन्वॉयस) के जरिये कर चोरी रोकने के लिए उठाया गया है. केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने जीएसटी कर नियमों में कुछ बदलावों को अधिसूचित किया है. इन बदलावों के तहत जीएसटी पंजीकरण लेने तथा इनपुट कर क्रेडिट (आईटीसी) के जरिये कर देनदारी के निपटान की शर्तों को कड़ा किया गया है.
यह भी पढ़ें: सस्ता सोना खरीदने का मौका फिर आ रहा है, जानें कब से उठा सकते हैं फायदा
एक जनवरी, 2021 से लागू होगा जीएसटी का नया नियम
सीबीआईसी ने जीएसटी नियमों में नियम 86 बी पेश किया है, जो एक जनवरी, 2021 से लागू होगा. यह नियम जीएसटी देनदारी निपटाने के लिए इनपुट कर क्रेडिट (आईटीसी) के अधिकतम 99 प्रतिशत तक ही इस्तेमाल की अनुमति देता है. सीबीआईसी ने कहा है कि किसी महीने में करयोग्य आपूर्ति का मूल्य 50 लाख रुपये से अधिक होने पर कोई भी पंजीकृत व्यक्ति इलेक्ट्रॉनिक क्रेडिट लेजर में उपलब्ध राशि का इस्तेमाल 99 प्रतिशत से अधिक कर देनदारी को निपटाने के लिए नहीं कर सकता. कारोबार की सीमा की गणना करते समय जीएसटी छूट वाले उत्पादों या शून्य दरों वाली आपूर्ति को इसमें शामिल नहीं किया जाएगा.
यह भी पढ़ें: Air India के पायलट ने वेतन कटौती के खिलाफ हड़ताल की चेतावनी दी
हालांकि, कंपनी के प्रबंध निदेशक या किसी भागीदार ने यदि एक लाख रुपये से अधिक का आयकर दिया है अथवा पंजीकृत व्यक्ति को इससे पिछले वित्त वर्ष के दौरान इस्तेमाल न हुए इनपुट कर क्रेडिट पर एक लाख रुपये से अधिक का रिफंड मिला है, तो यह अंकुश लागू नहीं होगा. इसके अलावा सीबीआईसी ने जीएसटी नियमों में संशोधन के जरिये उन कंपनियों, जिन्होंने जीएसटीआर 3बी दाखिल कर पूर्व की अवधि का कर नहीं चुकाया है, के लिए जीएसटीआर-1 में बाहरी आपूर्ति का ब्योरा दाखिल करने पर अंकुश लगा दिया है. अभी तक जीएसटीआर 3बी दाखिल नहीं करने पर ई-वे बिल को रोक दिया जाता है। लेकिन अब ऐसा नहीं करने पर जीएसटीआर-1 को भी ‘रोक’ दिया जाएगा.
यह भी पढ़ें: RBI ने अब इस बैंक का लाइसेंस किया रद्द, जानिए आप पर क्या पड़ेगा असर
इनपुट कर क्रेडिट धोखाधड़ी के 12,000 मामले दर्ज कर 365 लोगों को किया गया गिरफ्तार
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ट्वीट किया कि जीएसटी के जाली बिलों की धोखाधड़ी को रोकने के लिए सरकार ने जीएसटी परिषद की विधि समिति की सिफारिशों के आधार पर यह अधिसूचना जारी की है. इसके जरिये गलत तरीके से आईटीसी लेने वालों पर रोक लगाई जा सकेगी. सीबीआईसी ने कहा कि उसने अभी तक इनपुट कर क्रेडिट धोखाधड़ी के 12,000 मामले दर्ज कर 365 लोगों को गिरफ्तार किया है. पिछले छह सप्ताह में ही ऐसे 165 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. ईवाई के कर भागीदार अभिषेक जैन ने कहा कि सरकार ने 50 लाख रुपये मासिक से अधिक के करयोग्य कारोबार पर इनपुट कर क्रेडिट के जरिये कर देनदारी के भुगतान को 99 प्रतिशत तक सीमित किया है. जैन ने कहा, ‘‘इस कदम का मकसद कंपनियों को जाली बिलों के जरिये आईटीसी का दुरुपयोग करने से रोकना है.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Akshaya Tritiya 2024: 10 मई को चरम पर होंगे सोने-चांदी के रेट, ये है बड़ी वजह
-
Abrahamic Religion: दुनिया का सबसे नया धर्म अब्राहमी, जानें इसकी विशेषताएं और विवाद
-
Peeli Sarso Ke Totke: पीली सरसों के ये 5 टोटके आपको बनाएंगे मालामाल, आर्थिक तंगी होगी दूर
-
Maa Lakshmi Mantra: ये हैं मां लक्ष्मी के 5 चमत्कारी मंत्र, जपते ही सिद्ध हो जाते हैं सारे कार्य