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पेंशन फंड (Pension Fund) में पैसा नहीं लगा पाएगा चीन, मोदी सरकार ने लिया बड़ा फैसला

पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए-PFRDA) के नियमन के तहत पेंशन कोष (Pension Fund) में स्वत: मार्ग से 49 प्रतिशत विदेशी निवेश की अनुमति है.

Updated on: 20 Jun 2020, 07:58 AM

दिल्ली:

भारत-चीन के बीच सीमा विवाद (India-China Border Conflicts) पर हुई हिंसक झड़प के बाद भारत और सख्त होता जा रहा है. केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार के ताजा फैसले से चीन को आर्थिक मोर्चे पर बड़ा झटका लग सकता है. भारत और चीन के बीच बढ़ते तनाव के बीच वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) ने चीन समेत भारत की सीमा से लगे किसी भी देश से पेंशन कोष (Pension Fund) में विदेशी निवेश पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव किया है. पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए-PFRDA) के नियमन के तहत पेंशन कोष में स्वत: मार्ग से 49 प्रतिशत विदेशी निवेश की अनुमति है.

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भारत सरकार की अधिसूचना जारी होने की तारीख से लागू होगा यह प्रतिबंध
इस संदर्भ में जारी अधिसूचना के मसौदे के अनुसार चीन समेत भारत की सीमा से लगने वाले किसी भी देश की किसी भी निवेश इकाई या व्यक्ति के निवेश के लिये सरकार की मंजूरी की जरूरत होगी. समय-समय पर जारी एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) नीति का संबंधित प्रावधान ऐसे मामलों पर लागू होगा. इस पर संबंधित पक्षों से टिप्पणियां मांगी गयी है. इन देशों से कोई भी विदेशी निवेश सरकार की मंजूरी पर निर्भर करेगा. भारत सरकार की अधिसूचना जारी होने की तारीख से यह प्रतिबंध लागू होगा.

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गलवान घाटी में हिंसक झड़प के बाद वित्त मंत्रालय ने दिया प्रस्ताव
भारत और चीन के बीच गलवान घाटी (Galwan Valley) में हिंसक झड़प के बाद बढ़ते तनाव के बीच वित्त मंत्रालय ने यह प्रस्ताव किया है. प्रस्तावित बदलाव औद्योगिक संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) के अप्रैल में जारी दिशानिर्देशों के अनुरूप है. फिलहाल, केवल बांग्लादेश और पाकिस्तान से होने वाले निवेश को लेकर ही सरकारी मंजूरी की जरूरत का प्रावधान है.