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अमेज़ॅान (Amazon) और फ्लिपकार्ट (Flipkart) के बंपर डिस्‍काउंट वाली स्‍कीम से कैट खफा

गोयल ने गुरुवार को अमेज़ॅान (Amazon) और फ्लिपकार्ट (Flipkart) दोनों को तलब किया है.

Updated on: 09 Oct 2019, 07:17 PM

नई दिल्‍ली:

त्‍योहारी सीजन में ऑनलाइन शॉपिंग (Online Shopping)  कंपनियों द्वारा बंपर छूट (Bumper Discount) से परेशान कन्फ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट ) ने केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल गुहार लगाई है. प्रतिनिधिमंडल ने आरोप लगाया कि ई कॉमर्स (E-Commerce) कंपनियां लागत से भी कम मूल्य, गहरी छूट, हानि वित्तपोषण और विभिन्न उत्पादों की बिक्री केवल वे कामर्स पोर्टल पर ही उपलब्ध होने जैसे बिजनेस मॉडल को चला रही हैं जिन्हें एफडीआई नीति के तहत अनुमति नहीं है. इसके बाद गोयल ने गुरुवार को अमेज़ॅान (Amazon) और फ्लिपकार्ट (Flipkart) दोनों को तलब किया है.

पीयूष गोयल ने प्रतिनिधिमंडल के तर्कों के बाद कहा कि सरकार अपने एफडीआई नीति को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है. किसी भी परिस्थिति मे लागत से भी कम मूल्य या गहरी छूट की अनुमति नहीं दी जाएगी. ई-कॉमर्स में व्यापार के किसी भी डाइवरजन की अनुमति नहीं दी जाएगी. एफडीआई नीति में ई-कॉमर्स कंपनियों को केवल बाज़ार के रूप में काम करना होगा.

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कैट द्वारा उठाए गए मुद्दे के बाद गोयल ने गुरु मोहपात्रा, सचिव डीपीआईआईटी को निर्देश दिया कि वे कल अमेज़ॅान (Amazon) और फ्लिपकार्ट (Flipkart) दोनों को बुलाएं ताकि कैट द्वारा उठाए गए बिंदुओं को स्पष्ट किया जा सके और अमेज़ॅान (Amazon) और फ्लिपकार्ट (Flipkart) दोनों के साथ कैट की बैठक होनी चाहिए. मंत्रालय के अधिकारियों की उपस्थिति में मामले को सुलझान ज़रूरी हैं .

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यह मुद्दा जो लंबे समय से लटका हुआ है उसे सभी के लिए एक बार सुलझाया जाना चाहिए और ई कॉमर्स (E-Commerce) कंपनियों को न केवल कानून में बल्कि नीति की स्पिरिट में भी एफडीआई नीति का पालन करना होगा. उन्होंने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि अगर जरूरत पड़ी और अनैतिक व्यावसायिक प्रथाएं सिद्ध हो जाती हैं, तो सरकार जांच का आदेश दे सकती है.

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प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि ई कॉमर्स (E-Commerce) देश में व्यापार का एक आशाजनक भविष्य है, लेकिन कुछ कुप्रथाओं से काफी हद तक प्रभावित हुआ है.कैट ने कहा है कि उसने पहले ही देश के 7 करोड़ व्यापारियों को डिजिटल बनाने के लिए एक राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया है और उन्हें ऑनलाइन कारोबार में लाया जाएगा लेकिन बहुराष्ट्रीय कंपनियों और घरेलू खिलाड़ियों के नियंत्रण और प्रभुत्व के इरादे को ई-कॉमर्स में सख्त नियमों और विनियमों के साथ लागू किया जाना चाहिए.

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प्रतिनिधिमंडल ने गोयल से ई-कॉमर्स नीति में कुछ अनिवार्य प्रावधान शामिल करने का आग्रह किया, जिसमें डीपीआईटी के साथ ई-कॉमर्स कंपनियों का पंजीकरण अनिवार्य है या नहीं. नियमों और विनियमों के उल्लंघन के खिलाफ सख्त कार्रवाई प्रस्तावित की जानी चाहिए.उन्होंने आगे कहा कि सरकार की वर्तमान नीति के तहत, ऑनलाइन खुदरा विक्रेता केवल बी 2 बी मॉडल का व्यापार खुदरा क्षेत्र में और बी 2 सी मॉडल के लिए कर सकते हैं, वे बाज़ार मॉडल का सख्ती से पालन करने के लिए बाध्य हैं और इसलिए उनके व्यापार मॉडल में निश्चित रूप से कुछ बुनियादी बातों का पालन करना चाहिए. जिसमें प्रौद्योगिकी प्रदाता एक ई-मार्केटप्लेस प्रदान करेगा .

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कैट प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व इसके राष्ट्रीयमहामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने किया और इसमें अरविंदर खुराना, अध्यक्ष, ऑल इंडिया मोबाइल रिटेलर्स एसोसिएशन, धैर्यशील पाटिल, अखिल भारतीय उपभोक्ता उत्पाद वितरण महासंघ के अध्यक्ष और सुमित अग्रवाल, राष्ट्रीय प्रमुख, सोशल मीडिया शामिल थे. बैठक में मंत्रालय के सचिव गुरु मोहपात्रा एवं अतिरिक्त सचिव शैलेंद्र सिंह समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे .