logo-image

Amazon पर गांजा बेचे जाने के मामले पर कैट ने जांच की मांग की

वर्तमान मामले में Amazon ने न केवल प्रतिबंधित दवा की व्यावसायिक मात्रा की बिक्री के लिए अपने पोर्टल के उपयोग को अनुमति दी है, बल्कि इस बिक्री में सक्रिय रूप से भाग लिया है और इस पर भारी लाभ भी अर्जित किया है.

Updated on: 15 Nov 2021, 03:45 PM

highlights

  • अमेजॉन ने एनडीपीएस अधिनियम की धारा 20 (बी) का उल्लंघन किया
  • जुर्माने के लिए उत्तरदायी होगा जो कि एक लाख से कम नहीं होगा 

नई दिल्ली:

कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (The Confederation of All India Traders-CAIT) ने मांग की है कि हाल ही में मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा भिंड के एसपी मनोज कुमार सिंह के नेतृत्व में अमेजॉन (Amazon) के ई-कॉमर्स पोर्टल पर गांजा की बिक्री के रैकेट का जो खुलासा किया गया है. इस गंभीर मुद्दे को नारकोटिक्स कंट्रोल को भी सौंपना चाहिए. कैट ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया है कि इस बेहद गंभीर मामले को हल्के में न लिया जाए और इस पर तुरंत और सख्त कार्यवाही कर की जाए. इस मुद्दे  को नजरअंदाज नही किया जा सकता क्योंकि ये देश की सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा है, क्योंकि इसी तरह अवैध हथियार या अन्य अवैध गतिविधियां भी पोर्टल के द्वारा संचालित की जा सकती हैं. कैट ने आगे कहा कि एमपी पुलिस ने कल ग्वालियर के अमेज़न गोदाम में छापेमारी के दौरान मारिजुआना के 380 से अधिक पैकेज जिसे कड़ी पत्ते के रूप में बेचे जाने का खुलासा भी किया है जो की बेहद गंभीर मामला है.

यह भी पढ़ें: Gold Silver Rate Today 15 Nov 2021: बढ़ती महंगाई ने सोने-चांदी की कीमतों में लगाई आग, अब आगे क्या होगा?

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भारतिया एवं महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए मध्यप्रदेश के पुलिस अधिकारियों से एनडीपीएस अधिनियम और आईपीसी के तहत अमेज़ॅन के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने और भारत में अमेज़न के संचालन और प्रबंधन के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों को तुरंत गिरफ्तार करने की मांग की है. उन्होंने आगे कहा कि अपनी ई-कॉमर्स वेबसाइट के माध्यम से 1 करोड़ रुपये से अधिक के गांजे की बिक्री और उस पर 66 फीसदी (यानी 66 लाख रुपये से अधिक) का कमीशन अर्जित करके, अमेज़ॅन ने एनडीपीएस अधिनियम की धारा 20 (बी) का उल्लंघन किया है जो कहता है कि उत्पादन कर्ता, निर्माण कर्ता एवं रखने वाला, बेचने वाला, खरीदने वाला, परिवहन कर्ता, आयात कर्ता, अंतर्राज्यीय, अंतर्राज्यीय निर्यात या भांग का उपयोग दंडनीय अपराध है.

भरतिया एवं खंडेलवाल ने कहा कि कानून को अपना काम करना चाहिए जैसा कि आर्यन खान के मामले में एनसीबी ने किया है. वर्तमान मामले में अमेजॉन ने न केवल प्रतिबंधित दवा की व्यावसायिक मात्रा की बिक्री के लिए अपने पोर्टल के उपयोग को अनुमति दी है, बल्कि इस बिक्री में सक्रिय रूप से भाग लिया है और इस  पर भारी लाभ भी अर्जित किया है. बिक्री मूल्य का 66 फीसदी अमेजॉन और उसके शीर्ष प्रबंधन को धारा 20 (ii) (सी) के तहत दंडित किया जाना चाहिए, जो कहता है, "और इसमें वाणिज्यिक मात्रा शामिल है, एक अवधि के लिए कठोर कारावास जो की दस साल से कम नहीं होगा, लेकिन जो बीस साल तक बढ़ सकता है और वो जुर्माने के लिए उत्तरदायी होगा जो कि एक लाख से कम नहीं होगा और  दो लाख रुपये तक हो सकता है.

भरतिया और खंडेलवाल ने मांग की कि एमपी पुलिस द्वारा पहले ही गिरफ्तार किए गए लोगों के अलावा, उन्हें अमेज़ॅन के वरिष्ठ प्रबंधन को गिरफ्तार करना चाहिए, जिन्होंने गांजा की बिक्री के लिए इसके प्लेटफॉर्म का उपयोग करने में मदद की है और इसलिए एक ड्रग पेडलर के रूप में काम किया है. यह बहुत दुखद है कि अमेज़ॅन हमारे देश के कानून के प्रति बहुत कम सम्मान रखता है. भारत में उनके संचालन की नींव फेमा और एफडीआई नीति के उल्लंघन पर बनी है, जिसके बाद भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग द्वारा प्रतिस्पर्धा-विरोधी प्रथाओं की जांच की जा रही है. अब, वे हमारे देश के युवाओं को बिगाड़ने के लिए ड्रग पेडलिंग के जघन्य अपराध में भी लिप्त पाए गए हैं. सरकार को अब इस मामले पर तुरंत कठोर कार्रवाई करनी चाहिए.