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CAIT ने ई-कॉमर्स कंपनियों पर FDI नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाया

कैट ने प्रधानमंत्री से ऐसी ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई का आदेश देने का आग्रह किया है. इसके साथ ही कैट ने देश में ई-कॉमर्स कारोबार की निगरानी और नियमन के लिए एक अधिकार प्राप्त नियामकीय प्राधिकरण के गठन की मांग की है.

Updated on: 30 Nov 2020, 10:44 AM

नई दिल्ली:

व्यापारियों के संगठन कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (Confederation of All India Traders-CAIT) ने ई-कॉमर्स कंपनियों (E Commerce Companies) पर प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाया है. कैट ने इस बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भी लिखा है. पत्र में कहा गया है कि देशभर के व्यापारी केंद्र सरकार के डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत ई-कॉमर्स व्यापार को अपनाने के लिए उत्सुक हैं, लेकिन बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा एफडीआई नीति और अन्य कानूनों व नियमों का बार-बार उल्लंघन 'डिजिटल कॉमर्स' को अपनाने में एक प्रमुख अवरोधक साबित हो रहा है. 

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ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई का आदेश देने का आग्रह
कैट ने प्रधानमंत्री से ऐसी ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई का आदेश देने का आग्रह किया है. इसके साथ ही कैट ने देश में ई-कॉमर्स कारोबार की निगरानी और नियमन के लिए एक अधिकार प्राप्त नियामकीय प्राधिकरण के गठन की मांग की है. कैट के महासचिव प्रवीन खंडेलवाल ने कहा, यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि विभिन्न विभाग सरकार की नीति और कानून का पालन करवाने में सफल नहीं हो पाए हैं. 

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उन्होंने कहा कि भारत में ई-कॉमर्स व्यापार को सुचारू रूप से चलाने के लिए एक ई-कॉमर्स नीति की शीघ्र घोषणा की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि एफडीआई नीति के प्रेस नोट संख्या 2 की विसंगतियों और असमानताओं को हटाते हुए सरकार की नीति को स्पष्ट रूप से परिभाषित करते हुए एक नया प्रेस नोट जारी किया जाना चाहिए.