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IBC संशोधन अध्यादेश को मिली कैबिनेट की मंजूरी, कॉर्पोरेट पर नहीं चलेगा मुकदमा

अधिनिर्णयन प्राधिकरण द्वारा समाधान योजना को मंजूरी देने की तिथि से ही इस तरह के अपराध के लिए कॉरपोरेट कर्जदार पर मुकादमा नहीं चलाया जाएगा.

Updated on: 25 Dec 2019, 08:41 AM

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को दिवाला एवं दिवालियापन संहिता (IBC) 2016 में संशोधन के लिए अध्यादेश लाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. प्रस्तावित संशोधन से दिवालिया कंपनी के पूर्व प्रमोटरों के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही से खरीदारों को सुरक्षा मिलेगी. संशोधनों के तहत कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया शुरू होने से पहले किए गए किसी अपराध के लिए कॉरपोरेट कर्जदार की देनदारी नहीं रह जाएगी.

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अधिनिर्णयन प्राधिकरण द्वारा समाधान योजना को मंजूरी देने की तिथि से ही इस तरह के अपराध के लिए कॉरपोरेट कर्जदार पर मुकादमा नहीं चलाया जाएगा, बशर्ते कि समाधान योजना के परिणामस्वरूप संबंधित कॉरपोरेट कर्जदार का नियंत्रण या प्रबंधन एक ऐसे व्यक्ति के हाथों में चला जाए जो पूर्व में न तो प्रमोटर था या प्रबंधन में था या कॉरपोरेट कर्जदार के नियंत्रण में था अथवा इस तरह के व्यक्ति से किसी भी तरह संबंधित था. यह उस व्यक्ति के मामले में भी लागू होगा जिसे जांच अधिकारी ऐसे व्यक्ति के रूप में नहीं पाएंगे, जिन्होंने अपराध की साजिश रची हो.

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संशोधन प्रस्ताव में कहा गया है कि कॉरपोरेट कर्जदार आवश्यकता पड़ने पर कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया शुरू होने से पहले किए गए किसी अपराध की जांच-पड़ताल करने वाले की जांच प्राधिकरण हर प्रकार से मदद करेगा. आधिकारिक बयान के अनुसार, इस संशोधन से आईबीसी 2016 की विसंगतियां दूर होंगी और यह सुचारु ढंग से लागू होगा.

मोदी सरकार की GST दरों में बड़े बदलाव की तैयारी


केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार जल्द ही गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) की दरों में बड़े बदलाव कर सकती है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जीएसटी काउंसिल (GST Council) की बैठक में जीएसटी की दरों को लेकर कोई भी फैसला नहीं लिया गया था. वहीं अब जीएसटी रेट को बढ़ाने के लिए बनी समिति ने अहम सिफारिश की है. सरकार जल्द ही जीएसटी दरों में बदलाव को लेकर अहम फैसला ले सकती है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जीएसटी कमेटी ने जीएसटी के अंतर्गत 2 टैक्स दर करने की सिफारिश की हुई है. कमेटी के अनुसार 10 फीसदी और 20 फीसदी के दो टैक्स स्लैब होंगे. (इनपुट आईएएनएस)