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बाजार में भारी गिरावट Photograph: (GROK AI)
भारतीय शेयर बाजार में सोमवार को भारी गिरावट देखी गई क्योंकि निवेशकों ने चुनिंदा सेक्टर्स में मुनाफा बुक करते हुए सतर्क रुख अपनाया. वैश्विक संकेतों में कमजोरी, लगातार विदेशी फंड निकासी और यूएस फेडरल रिजर्व की महत्वपूर्ण नीति बैठक से पहले बढ़ी अनिश्चितता ने बाजार पर दबाव बनाया. ट्रेडिंग के फाइनल फेज में सेंसेक्स 609.68 अंक की गिरावट के साथ 85,102.69 पर और निफ्टी 225.90 अंक फिसलकर 25,960.55 पर बंद हुआ. सत्र के दौरान निफ्टी 25,892 के निचले स्तर तक गया, जबकि सेंसेक्स 84,875.5 तक लुढ़क गया.
फेडरल रिजर्व की बैठक से पहले सावधानी
निवेशक इस वीक शुरू हो रही यूएस फेडरल रिजर्व की दो-दिवसीय बैठक से पहले अत्यंत सतर्क दिखे. वैश्विक बाजारों में भी यही भावना देखने को मिली, क्योंकि केंद्रीय बैंक की नीतियों और संभावित ब्याज दर संकेतों को लेकर वित्तीय बाजारों में अनिश्चितता बनी हुई है. विशेषज्ञों का मानना है कि फेड के रुख का आने वाले समय में वैश्विक पूंजी प्रवाह और उभरते बाजारों की दिशा पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा.
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के प्राइम रिसर्च प्रमुख देवर्ष वकिल ने कहा कि निवेशक FOMC बैठक, आगामी मुद्रास्फीति आंकड़ों और वर्षांत पोर्टफोलियो एडजस्टमेंट के चलते सतर्क रुख बनाए हुए हैं. उन्होंने यह भी जिक्र किया कि इस सप्ताह ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा और स्विट्जरलैंड के केंद्रीय बैंक भी नीतिगत समीक्षा करेंगे, हालांकि इनसे किसी बड़े कदम की उम्मीद नहीं है. इसके बावजूद फेड की बैठक बाजारों के लिए प्रमुख ट्रिगर बनी हुई है.
एफआईआई की लगातार बिकवाली से दबाव
बाजार में गिरावट का एक और प्रमुख कारण विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) द्वारा लगातार की जा रही बिकवाली है. शुक्रवार को एफआईआई ने 438.90 करोड़ रुपये के शेयरों की नेट सेलिंग की थी, जो लगातार सातवां सत्र रहा जिसमें उन्होंने भारतीय इक्विटीज से पूंजी निकाला.
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी. के. विजयकुमार के अनुसार, रुपये में लगातार कमजोरी ने एफआईआई के लिए भारतीय बाजारों में निवेश बनाए रखना कम आकर्षक बना दिया है. रुपये के अवमूल्यन के कारण उनकी निवेशित संपत्तियों पर फॉरेक्स नुकसान की आशंका बढ़ जाती है, जिसके चलते वे इक्विटी से धन निकाल रहे हैं. इसका सीधा असर बेंचमार्क सूचकांकों पर दिखा और बाजार दबाव में रहा.
चुनिंदा शेयरों में भारी गिरावट
निफ्टी50 के घटक शेयरों में इंटरग्लोब एविएशन, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स और इटरनल शीर्ष गिरावट वाले रहे, जिनमें 7 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई. इसके विपरीत, HDFC लाइफ इंश्योरेंस और टेक महिंद्रा जैसे शेयरों में लगभग 1 प्रतिशत की बढ़त देखने को मिली.
बाजार की चौड़ाई भी कमजोर रही, जहां 1,174 शेयरों में तेजी रही, वहीं 2,418 शेयर गिरावट में बंद हुए और 201 शेयर बिना बदलाव के रहे. इससे स्पष्ट है कि संपूर्ण बाजार में दबाव व्यापक था और निवेशकों की जोखिम लेने की क्षमता सीमित रही.
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