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बाटा (BATA) की लिस्टिंग के 46 साल पूरे, 30 हजार का शेयर बन गया 1 करोड़ रुपये

भारतीय शेयर मार्केट में बाटा की लिस्टिंग जून 1973 में हुई थी. इसका आईपीओ (IPO) 30 रुपये प्रति शेयर के भाव पर आया था. कंपनी की लिस्टिंग के 46 साल पूरे हो चुके हैं. 46 साल में कंपनी ने करीब 333 गुना रिटर्न दिया है.

Updated on: 26 Jun 2019, 02:24 PM

highlights

  • शेयर बाजार (Share Market) में बाटा (BATA) ने 46 साल पूरे कर लिए
  • चेक रिपब्लिक देश की कंपनी है बाटा, करीब 90 साल भारत में कंपनी ने कदम रखे 
  • जून 1973 में 30 हजार रुपये का निवेश आज 1 करोड़ रुपये हो गया है

नई दिल्ली:

शेयर बाजार (Share Market) में बाटा (BATA) ने 46 साल पूरे कर लिए हैं. बता दें कि बहुत ही कम लोगों को पता है कि बाटा चेक रिपब्लिक देश की कंपनी है और करीब 90 साल पहले इस कंपनी ने भारत में अपने कदम रखे थे. हालांकि बाटा ने अपने आपको भारतीय माहौल में ऐसा ढाल लिया कि लोगों को लगने लगा कि ये यहीं की कंपनी है. आज भी बहुत सारे लोगों को इसके पीछे की सच्चाई के बारे में जानकारी नहीं है. बाटा के लिस्टिंग के समय किए गए निवेश से निवेशकों को करोड़ों रुपये का मुनाफा हो चुका है.

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जून 1973 में हुई थी बाटा की लिस्टिंग
भारतीय शेयर मार्केट में बाटा की लिस्टिंग जून 1973 में हुई थी. इसका आईपीओ (IPO) 30 रुपये प्रति शेयर के भाव पर आया था. कंपनी की लिस्टिंग के 46 साल पूरे हो चुके हैं. 46 साल में कंपनी ने करीब 333 गुना रिटर्न दिया है.

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46 साल में निवेशक बन चुके हैं करोड़पति
मान लीजिए किसी निवेशक ने जून 1973 में बाटा में 30 हजार रुपये का निवेश किया था. उस निवेश की वैल्यू अगर आज आंकी जाए तो वो करीब 1 करोड़ रुपये हो चुके हैं. बाटा के जून 1973 के 1 हजार शेयर स्प्लिट और बोनस की वजह से 2015 तक 7 हजार शेयर हो चुके हैं. इस दौरान बाटा ने 3 बार राइट्स इश्यू भी जारी किया है.

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1894 में हुई थी कंपनी की शुरुआत
1894 में थॉमस बाटा ने कंपनी को शुरू किया था. भारत में कंपनी एक खास मकसद से आई थी. दरअसल, कंपनी रबर और चमड़े की खोज करते हुए यहां दाखिल हुई थी. 1939 में कंपनी ने कोलकाता में अपना कारोबार शुरू किया. कंपनी ने बाटानगर में पहली शू मशीन की स्थापना की. बता दें कि भारत बाटा का दूसरा सबसे बड़ा मार्केट है. मौजूदा समय में बाटा के 1375 रिटेल स्टोर चल रहे हैं.