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स्टील किंग लक्ष्मी मित्तल का सपना सच होगा, एस्सार स्टील के अधिग्रहण का रास्ता साफ

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने एस्सार स्टील (Essar Steel Case) मामले में अपना निर्णय सुना दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने एनसीएलएटी (NCLAT) आदेश को खारिज कर दिया है.

Updated on: 15 Nov 2019, 03:18 PM

नई दिल्ली:

उद्योगपति और स्टील किंग लक्ष्मी निवास मित्तल (LN Mittal) का एक बहुत बड़ा सपना पूरा होने जा रहा है. दरअसल, उनकी कंपनी वर्ष 2017 से एस्सार स्टील (Essar Steel) को खरीदने का प्रयास कर रही है. जानकारी के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने एस्सार स्टील (Essar Steel Case) मामले में अपना निर्णय सुना दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने एनसीएलएटी (NCLAT) आदेश को खारिज कर दिया है. वहीं अब कोर्ट के फैसले के बाद आर्सेलर मित्तल (ArcelorMittal) द्वारा एस्सार स्टील के अधिग्रहण का रास्ता साफा हो गया है. कोर्ट ने यह भी कहा कि एस्सार स्टील का अधिग्रहण 23 अक्टूबर 2013 की योजना के मुताबिक होगा.

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जस्टिस आर एफ नरीमन की पीठ ने सुनाफा फैसला
जस्टिस आर एफ नरीमन के नेतृत्व वाली पीठ ने इस फैसले को सुनाया है. कोर्ट का कहना है कि NCLAT Committee of Creditors के फैसले में किसी भी तरह का दखल नहीं दे सकता. इसके अलावा Committee of Creditors के फैसले में भी सभी पक्षों के हितों का ध्यान रखने की बात भी कोर्ट ने कही.

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सुप्रीम कोर्ट ने एस्सार स्टील के रेजोल्यूशन मामले में NCLAT के फैसले को खारिज कर दिया है. बता दें कि 5 जुलाई को नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) ने आदेश जारी किया था कि एस्सार स्टील के ऑपरेशनल क्रेडिटर्स को फाइनेंशियल क्रेडिटर्स के समान मानते हुए भुगतान किया जाए.

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एस्सार स्टील की Committee of Creditors ने सुप्रीम कोर्ट में इस आदेश के खिलाफ चुनौती दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (आईबीसी) के तहत रेजोल्यूशन के लिए 330 दिन की समयसीमा से छूट दी है. इसके अलावा कोर्ट ने अधिग्रहण के लिए आर्सेलर मित्तल की 42,000 करोड़ रुपये की बोली के लिए भी मंजूरी दी है.