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भारत में चीन की कंपनियों के कामकाज को लेकर अनुराग ठाकुर ने दिया बड़ा बयान

वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) ने राज्यसभा में बताया कि देश में 80 चीनी कंपनियां सक्रिय रूप से कारोबार कर रही हैं, जबकि 92 कंपनियां पंजीकृत हैं. बता दें कि सरकार पहले ही टिकटॉक सहित 59 चीनी ऐप पर बैन लगा चुकी है.

Updated on: 09 Feb 2021, 12:28 PM

highlights

  • देश में 80 चीनी कंपनियां सक्रिय रूप से कारोबार कर रही हैं: अनुराग ठाकुर 
  • मोदी सरकार पहले ही टिकटॉक सहित 59 चीनी ऐप पर बैन लगा चुकी है

नई दिल्ली :

चीन (China) की सीमा पर वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव के जारी रहने के बीच वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) ने राज्यसभा में बताया कि देश में 80 चीनी कंपनियां सक्रिय रूप से कारोबार कर रही हैं, जबकि 92 कंपनियां पंजीकृत हैं. चीनी कंपनियों को प्रतिबंधित करने के बारे में सवाल उठाए जाने पर मोदी सरकार (Modi Government) ने कहा कि नियम पहले से ही लागू हैं और सभी कंपनियों को इसका अनुपालन करना होगा. बता दें कि सरकार पहले ही टिकटॉक सहित 59 चीनी ऐप पर बैन लगा चुकी है. सरकार ने इस बात की भी सूचना दी कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा एफडीआई (FDI) को विनियमित किया जाता है और रक्षा, अंतरिक्ष और परमाणु ऊर्जा सहित कुछ क्षेत्रों को छोड़कर इसे सरकार की अनुमति के साथ इजाजत दी गई है.

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मोदी सरकार ने 24 दिसंबर को दूरसंचार क्षेत्र पर राष्ट्रीय सुरक्षा निर्देश को दी थी मंजूरी 
इससे पहले 24 दिसंबर को कैबिनेट की सुरक्षा समिति की बैठक में सरकार ने दूरसंचार क्षेत्र पर राष्ट्रीय सुरक्षा निर्देश को मंजूरी दी थी. राष्ट्रीय स्तर पर एक सुरक्षित नेटवर्क को बनाने के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है ताकि भविष्य के 5जी नेटवर्कस में टेलीकॉम ऑपरेटर्स द्वारा चीनी उपकरणों के इस्तेमाल को प्रतिबंधित किया जा सके. वास्तविक नियंत्रण रेखा पर पिछले नौ महीनों से भारत और चीन के बीच संघर्ष जारी है। दोनों पक्षों में आपस में कई वार्ताएं भी हुई हैं, लेकिन कोई हल नहीं निकला है.

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LAC पर लगेगा सर्विलांस सिस्टम

बता दें कि चीनी सैनिकों से गलवान घाटी में हिंसक संघर्ष के बाद मोदी सरकार (Modi Government) वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सुरक्षा पंक्ति मजबूत बनाने के लिए कोई कसर बाकी नहीं रख रही है. कई दौर की कूटनीतिक और सैन्य स्तर की वार्ता के बावजूद LAC से दोनों देशों के सैनिकों की संख्या में कोई कमी नहीं आई है. ऐसे में अग्रिम रक्षा पंक्ति सुदृढ़ करने के साथ-साथ अब भारत उत्तरी सीमा की निगरानी की व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने की दिशा में सर्विलांस के क्षेत्र में कदम उठाने जा रहा है. इसके तहत सीमा पर अब ड्रोन, सेंसर, टोही विमान और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध उपकरणों के जरिए पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) की हरकतों पर चौबीसों घंटे नजर रखी जाएगी.