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आनंद महिंद्रा (Anand Mahindra)( Photo Credit : फाइल फोटो)
देश के बड़े औद्योगिक घराने महिंद्रा समूह (Mahindra Group) के चेयरमैन आनंद महिंद्रा (Anand Mahindra) अपने ट्वीट (tweet) को लेकर आए दिन चर्चा में रहते हैं. महिंद्रा अपने ताज़ा ट्वीट को लेकर एक बार फिर चर्चा में हैं. दरअसल, आनंद महिंद्रा ने अपने ट्वीट में मोबाइल से लगातार चिपके रहने वालों के लिए एक बड़ी बात कही है. वह अपने आप को भी इसमें शामिल करते हैं. उन्होंने अपने ट्वीट में मशहूर कवि और गीतकार गुलज़ार की एक कविता के जरिए मोबाइल से चिपके रहने का जिक्र किया है.
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आनंद महिंद्रा ने ट्वीट के जरिए गुलज़ार की एक कविता भी शेयर की
आनंद महिंद्रा ने ट्वीट के जरिए कहा है कि थैंक्यू यू गुलज़ार जी आपने मुझे अपने फोन से चिपके रहने के लिए एक तर्क दे दिया है. उन्होंने लिखा है कि वास्तव में मोबाइल हमें एकदूसरे से जुड़ने में मदद करता है. महिंद्रा ने ट्वीट के साथ ही गुलज़ार की एक कविता की तस्वीर भी शेयर की है. इस कविता में लिखा है कि ‘खुद से ज़्यादा संभाल कर रखता हूं मोबाइल अपना, क्योंकि रिश्ते सारे अब इसी में कैद हैं.’
Thank you Gulzarji, for giving me the logic for remaining wedded to my device! 😊🙏🏽. (Even if this was a tongue-in-cheek comment, it’s true that mobiles help us stay connected!) pic.twitter.com/P3NTrQ0Z16
— anand mahindra (@anandmahindra) December 9, 2019
हालांकि जैसा कि आपको पता है कि सोशल मीडिया पर आपकी एक गलती आप पर भारी पड़ सकती है तो यूजर्स यहां भी आ गए. उन्होंने ट्विटर पर आनंद महिंद्रा की तारीफ तो की लेकिन उन्हें यह भी बताया कि अमुक कविता गुलज़ार की नहीं है. कुछ यूजर्स का कहना है कि यह कविता गुलज़ार के नाम से फेसबुक पर वायरल हो गई है. महेश कुशवाहा नाम के एक यूजर ने कहा कि टेक्नोलॉजी हमारे कामों को आसान करने और सुविधाएं मुहैया कराने के लिए है, अत: इसे इन्हीं के लिए इस्तेमाल करें. इसकी खातिर अपनों को खुद से दूर न करें.
@GulzarPoetry
ख़ामोश है जमाना सारा...
चारो ओर बस मोबाइल का शोर है..!!
गुलज़ार साब अपनी नज़्मों में सीधे-सादे शब्दों से चौंका देेने वाली तस्वीरें गढ़ते हैं।और फिर कोसों लम्बा सफ़र तय कर डालने का ढाढस मिलता है।’— MANOJ K JHA aka MANU (@manojgjha) December 9, 2019
वहीं मनोज कुमार झा ने लिखा है कि ख़ामोश है जमाना सारा...चारो ओर बस मोबाइल का शोर है..!! गुलज़ार साहब अपनी नज़्मों में सीधे-सादे शब्दों से चौंका देने वाली तस्वीरें गढ़ते हैं और फिर कोसों लंबा सफ़र तय कर डालने का ढांढस मिलता है.’कुछ यूजर्स का कहना है कि यह कविता फेसबुक पर गुलज़ार के नाम से चल रही है, लेकिन यह गुलज़ार की नहीं है.
This one is already listed in #NotByGulzar database #NBG@ThePuccaCritichttps://t.co/7LxSrAkCg8pic.twitter.com/XE4IluUCeY
— Pavan Jha (@p1j) December 9, 2019
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो