भारत के साथ GSP संबंध खत्म कर सकता है अमेरिका, जानें इस पर भारत ने क्या कहा

अमेरिका भारत को बड़ा झटका दे सकता है, जिससे भारत को माल बेचना मुश्किल हो जाएगा.

अमेरिका भारत को बड़ा झटका दे सकता है, जिससे भारत को माल बेचना मुश्किल हो जाएगा.

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Deepak Pandey
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भारत के साथ GSP संबंध खत्म कर सकता है अमेरिका, जानें इस पर भारत ने क्या कहा

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (फाइल फोटो)

अमेरिका भारत को बड़ा झटका दे सकता है, जिससे भारत को माल बेचना मुश्किल हो जाएगा. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रप ने भारत के साथ जीएसपी (जेनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रेफरेंस) समाप्त करने का फैसला किया है. उन्होंने इसकी जानकारी संसद को दे दी है. ट्रंप की ओर से फैसले पर दस्तखत किए जाने के बाद 60 दिन का नोटिफिकेशन भेज दिया गया है. जीएसपी समाप्त करने की यही वैध प्रक्रिया है. डोनाल्ड ट्रंप के इस फैसले की जानकारी यूएस ट्रेड रिप्रेजेंटटेटिव रॉबर्ट लाइट्जर ने दी है. भारत के अलावा तुर्की भी है, जिसके साथ अमेरिका ये कारोबारी संबंध तोड़ रहा है.

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भारत के वाणिज्य सचिव अनूप वधावन ने कहा, अमेरिका ने भारत के साथ जीएसपी खत्म करने का फैसला किया है. उन्होंने कहा, इससे हमारे 5.6 बिलियन डॉलर निर्यात पर अमेरिका में कोई ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा. बता दें कि जीएसपी अमेरिकी ट्रेड प्रोग्राम है, जिसके तहत अमेरिका विकासशील देशों में आर्थिक तरक्की के लिए अपने यहां बिना टैक्स सामानों का आयात करता है. अमेरिका ने दुनिया के 129 देशों को यह सुविधा दी है, जहां से 4800 प्रोडक्ट का आयात होता है. अमेरिका ने ट्रेड एक्ट 1974 के तहत 1 जनवरी 1976 को जीएसपी का गठन किया था. 

अगर ये फैसला जारी रहता है तो करीब 2 हजार उत्पादों पर इसका प्रभाव पड़ेगा. खास तौर पर ऑटो पार्ट्स, टेक्सटाइल आइटम जैसे उत्पाद पर प्रभाव पड़ेगा. जिस तरह से अमेरिका ने चीन पर उत्पाद शुल्क को काफी बढ़ाकर 200 फीसदी कर दिया था कुछ वैसा दबाव है, लेकिन इसके दूरगामी प्रभाव पड़ सकते हैं. डोनाल्ड ट्रंप का यह फैसला ऐसे वक्त में सामने आया है जब भारत में लोकसभा चुनाव है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए यह मुश्किल हो सकता है, क्योंकि उन्हें चुनावी माहौल में देश की आर्थिक प्रगति की चिंता सता सकती है.

साल 2017 में भारत विकासशील देशों में अकेला देश था, जिसे जीएसपी के तहत सबसे ज्यादा लाभ मिला था. भारत से अमेरिका ने 5.7 बिलियन डॉलर का आयात बिना किसी टैक्स के किया था, जबकि तुर्की पांचवें स्थान पर था, जहां से 1.7 बिलियन डॉलर का ड्यूटी फ्री आयात किया गया था. पिछले साल अप्रैल में अमेरिका ने एलान किया था कि वह भारत और तुर्की को मिलने वाली राहत पर विचार करेगा, क्योंकि अमेरिका की कुछ डेयरी और मेडिकल कंपनियों ने शिकायत की थी कि इससे स्वदेशी कारोबार पर गहरा असर पड़ रहा है.

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने फैसले से पहले कहा कि भारत ने हमें इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं किया कि वह अपने बाजार में भी हमारे प्रोडक्ट की पहुंच कहां तक और कितना आसान बनाएगा. तुर्की के बारे में ट्रंप ने कहा कि वहां की आर्थिक तरक्की देखकर उसे विकासशील देशों की श्रेणी में नहीं रख सकते हैं.

Source : News Nation Bureau

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