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Air India की शुरुआत से लेकर उसके बिकने तक, जानिए पूरी कहानी

मार्च 1947 को जेआरडी द्वारा स्थापित की गई एयर इंडिया (Air India) एक संयुक्त प्रक्षेत्र की कंपनी बन गई. 1 अगस्त 1953 को एयर इंडिया का राष्ट्रीयकरण किया गया. जेआरडी टाटा को एयर इंडिया का चेयरमैन बनाया गया.

Updated on: 01 Oct 2021, 12:20 PM

highlights

  • 15 अक्टूबर 1932 को कराची और मुंबई के बीच टाटा एविएशन सर्विस की शुरुआत हुई थी
  • स्पाइसजेट (SpiceJet) की ओर से अजय सिंह ने एयर इंडिया के लिए बोली लगाई थी

नई दिल्ली:

सरकारी एयरलाइन एयर इंडिया (Air India) अब टाटा ग्रुप के नियंत्रण में आ जाएगी. सूत्रों के मुताबिक टाटा संस ने एयर इंडिया की खरीदारी के लिए सबसे ज्यादा कीमत लगाकर बोली जीत ली है. सूत्रों के मुताबिक एक तरह से देखा जाए तो टाटा समूह ने एयर इंडिया को वापस ले लिया है. दरअसल, जेआरडी टाटा (JRD TATA) को हवाई जहाज उड़ाने का शौक था. उन्हें 10 फरवरी 1929 को भारत के पहले पायलट के रूप में लाइसेंस मिल गया था. मई 1930 को उन्होंने 'आगा खां उड्डयन प्रतियोगिता' में उन्होंने दूसरा स्थान हासिल किया था. 15 अक्टूबर 1932 को कराची और मुंबई के बीच उड़ान भरकर जेआरडी ने टाटा उड्डयन सेवा (टाटा एविएशन सर्विस) का उद्घाटन किया था. 8 मार्च 1947 को जेआरडी द्वारा स्थापित की गई एयर इंडिया (Air India) एक संयुक्त प्रक्षेत्र की कंपनी बन गई. 1 अगस्त 1953 को एयर इंडिया का राष्ट्रीयकरण किया गया. जेआरडी टाटा को एयर इंडिया का चेयरमैन बनाया गया.

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भारत में सिविल एविएशन (Civil Aviation) के जनक के तौर पर अगर जेआरडी टाटा का नाम लिया जाए तो उचित ही होगा. दरअसल, टाटा एयरलाइंस के राष्ट्रीयकरण के बाद भी उनका रुझान उसमें लगातार बना रहा. बता दें कि देश के आजाद होने के बाद तत्कालीन नेहरू सरकार ने टाटा एयरलाइंस का राष्ट्रीयकरण करने के बाद उसे एयर इंडिया के रूप में पहचान दी तो JRD TATA को उसका चेयरमैन बनाया गया. भारत के आर्थिक विकास की गाथा जब भी लिखी जाएगी उसमें भारत रत्न जेआरडी टाटा-JRD Tata (जहांगीर रतनजी दादाभाई टाटा) का नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा.

बिडिंग प्रक्रिया में सबसे आगे थे टाटा संस और स्पाइसजेट 

बता दें कि बिडिंग प्रक्रिया में दो बड़े प्लेयर्स में टाटा संस और स्पाइसजेट थे, लेकिन सूत्र बता रहे हैं कि टाटा ने जीत हासिल कर ली है. बता दें कि एयर इंडिया को खरीदने वालों की रेस में टाटा संस समेत कई कंपनियां शामिल थीं. हालांकि टाटा ग्रुप की टाटा संस को ही सबसे बड़े दावेदार के तौर पर देखा जा रहा था. वर्तमान में टाटा समूह की एयर एशिया और विस्तारा में भी हिस्सेदारी है. स्पाइसजेट (SpiceJet) की ओर से अजय सिंह ने एयर इंडिया के लिए बोली लगाई थी.