logo-image

AIR INDIA और AIR BUS में हुआ करार, 250 जहाजों का बेड़ा खरीदेगा टाटा

टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन की उपस्थिति में हुए एक वर्चुअल कार्यक्रम में कहा कि एयर इंडिया एयरबस से 40 बड़े आकार के विमानों सहित 250 विमानों का अधिग्रहण करेगी. टाटा

Updated on: 14 Feb 2023, 07:22 PM

highlights

  • एअर इंडिया और एअर बस में हुआ करार
  • टाटा संस के चेयरमैन ने दी जानकारी
  • कुल 250 जहाजों का बेड़ा खरीदेगा

नई दिल्ली:

टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन की उपस्थिति में हुए एक वर्चुअल कार्यक्रम में कहा कि एयर इंडिया एयरबस से 40 बड़े आकार के विमानों सहित 250 विमानों का अधिग्रहण करेगी. टाटा समूह के स्वामित्व वाली एयरलाइन 40 वाइड-बॉडी A350 प्लेन और 210 नैरो-बॉडी एयरक्राफ्ट खरीदेगी. चंद्रशेखरन ने कहा कि विमान के अधिग्रहण के लिए एयरबस के साथ एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए हैं. टाटा के इस डील से टाटा को घरेलू और विदेशी रूट पर सेवा देने में फायदा होगा. वो केंद्र सरकार की उडान स्कीम को बढाने में सहायता करेगा.

टाटा संस के चेयरमैन ने कहा कि हमने एयरबस के साथ बहुत अच्छे संबंध बनाए हैं. आज मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि हमने एयरबस से 250 विमान खरीदने के लिए डील पर  हस्ताक्षर किए हैं. इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह सौदा भारत और फ्रांस के बीच गहरे संबंधों के साथ-साथ भारत के नागरिक उड्डयन क्षेत्र की सफलताओं और आकांक्षाओं को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि भारत और फ्रांस हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा और स्थिरता से लेकर वैश्विक खाद्य सुरक्षा और स्वास्थ्य सुरक्षा जैसे मुद्दों पर सकारात्मक योगदान दे रहे हैं.

पीएम मोदी ने कहा कि हमारी रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम (UDAN) के जरिए देश के दूर-दराज के हिस्सों को एयर कनेक्टिविटी से जोड़ा जा रहा है. इससे लोगों के आर्थिक और सामाजिक विकास को बढ़ावा मिल रहा है. उन्होंने आगे कहा कि भारत के 'मेक इन इंडिया - मेक फॉर द वर्ल्ड' विजन के तहत एयरोस्पेस निर्माण में अवसरों की नए अवसर खुल रहे है. राष्ट्रपति मेक्रोंन ने कहा कि एयर इंडिया-एयरबस साझेदारी दिखाती है कि फ्रांसीसी एयरोस्पेस कंपनी और उसके सहयोगी भारत के साथ सहयोग के नए क्षेत्रों को विकसित करने के लिए पूरी तरह समर्पित हैं. हमने भारत के साथ बहुत कुछ हासिल किया है. भारतीय लोगों की क्षमता को देखते हुए हमारे पास बहुत आगे जाने का ऐतिहासिक अवसर है.