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GST Council Meeting
GST Meeting: जीएसटी काउंसिंल की 56वीं बैठक बुधवार से शुरू हो गई है. इस बैठक में हुए फैसलों का ऐलान कल होगा. कंपनियों से लेकर आम आदमियों तक को इसका बेसब्री से इंतजार है. 15 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से दिवाली पर नए जीएसटी रिफॉर्म लाने का ऐलान किया था. इस ऐलान के बाद जीएसटी काउंसिल की पहली बैठक हुई.
Union Minister for Finance and Corporate Affairs Smt. @nsitharaman chairs the 56th meeting of the GST Council, in New Delhi, today.
— Ministry of Finance (@FinMinIndia) September 3, 2025
The participants included Union Minister for State for Finance Shri @mppchaudhary, Chief Ministers of Delhi, Goa, Haryana, Jammu and Kashmir,… pic.twitter.com/pqz8upYg1U
बैठक में कई बड़े ऐलान हो सकते हैं, जिसमें जीएसटी के दो टैक्स स्लैबों को कम करने और आम आदमी से जुड़ी चीजों को सस्ता करना शामिल है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी कह चुकी है कि बैठक में डेली इस्तेमाल की महंगी चीजों को सस्ता करवाया जाएगा.
GST Meeting: 2 स्लैब करने पर होगी चर्चा
केंद्र सरकार के प्रस्ताव की मानें तो अब सिर्फ दो जीएसटी स्लैब हो सकते हैं, जिसमें 28 प्रतिशत वाले स्लैब की वस्तुओं (हानिकारक वस्तुओं के अलावा) को 18 प्रतिशत वाले स्लैब में डाला जा सकता है और 12 प्रतिशत वाले स्लैब की चीजों को पांच प्रतिशत वाले स्लैब में डाला जा सकता है. अब एक नया स्लैब बनाया जा सकता है, जिसमें 40 प्रतिशत का एक और स्लैब होगा, जिसमें 6-7 वस्तु शामिल होंगे, जैसे- लग्जरी और हानिकारक वस्तुएं.
GST Meeting: 175 वस्तुएं हो सकती हैं सस्ती
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, करीब 175 वस्तुओं पर जीएसटी दरों में कटौती हो सकती है, जिनमें खाद्य पदार्थ, स्नैक्स, बादाम, जैम, रेडी-टू-ईट आइटम, मक्खन, घी, मुरब्बा, अचार, चटनी, ट्रैक्टर, ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, रेफ्रिजरेटर और AC आदि चीजें शामिल हैं.
GST Meeting: 12-28% स्लैब में आने वाली कुछ खास वस्तुएं
- घी
- मक्खन
- चीज
- पैक्ड फ्रोजन सब्जियां
- फ्रूट जूस (अधिकतर, नॉन-एरेटेड)
- छाता
- सोलर वॉटर हीटर
- कृषि उपकरण
- एयर कंडीशनर
- सीमेंट
- कार/एसयूवी
GST Meeting: हेल्थ और इंश्योरेंस को जीएसटी से छूट
कई सारे मंत्रियों ने प्रस्ताव दिया है कि स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम को जीएसटी दायरों से अलग रखा जाएगा. इस पर टैक्स नहीं लगाया जाएगा. सरकार के राजस्व में इससे छूट मिल सकती है. अनुमान के मुताबिक, सालाना 9700 करोड़ रुपये का सरकार के राजस्व में कटौती होगी.