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सोना (Gold) दिसंबर अंत तक 42 हजार रुपये हो सकता है, जानकारों का अनुमान

Gold Rate Today: जानकारों के मुताबिक भू-राजनीतिक अनिश्चितता, केंद्रीय बैंकों की ओर से सोने की लगातार खरीद और कमजोर रुपये की वजह से इस साल के अंत तक सोने में तेजी जारी रहने का अनुमान है.

Updated on: 29 Oct 2019, 11:16 AM

नई दिल्ली:

Gold Rate Today: मार्केट एक्सपर्ट्स (Market Experts) के मुताबिक भू-राजनीतिक अनिश्चितता, केंद्रीय बैंकों की ओर से सोने की लगातार खरीद और कमजोर रुपये की वजह से सोना इस साल के अंत तक 42,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर तक पहुंच सकता है. कॉम्ट्रेन्ज रिसर्च (Commtrendz Research) के सह-संस्थापक और मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) गननशेखर त्यागराजन (Gnanasekar Thiagarajan) का कहना है कि पश्चिम एशिया में भू-राजनीतिक अनिश्चितता के चलते सोना विदेशी बाजार में 1,650 डॉलर प्रति औंस और मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज यानि MCX पर 42,000 रुपये के स्तर तक जा सकता है.

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उन्होंने कहा कि केन्द्रीय बैंकों की ओर से सोने की निरंतर खरीद, भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं और साल के अंत में शेयर बाजार में बिकवाली बढ़ने की संभावना को देखते हुए सुरक्षित निवेश के विकल्प के रूप में सोने में निवेश बढ़ सकता है.

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इस साल सोने में 15 फीसदी का मुनाफा: नवनीत दमानी
मोतीलाल ओसवाल (Motilal Oswal) फाइनेंशियल सर्विसेज (एमओएफएसएल) के उपाध्यक्ष-कमोडिटी रिसर्च नवनीत दमानी के मुताबिक इस साल घरेलू बाजार में सोने में 15 फीसदी का लाभ हुआ है. डॉलर के मुकाबले रुपये में 1.4 फीसदी की गिरावट से भी सोने की इस तेजी को सपोर्ट मिला है. उनका कहना है कि हम उम्मीद करते हैं कि सोने में आगे भी तेजी बनी रह सकती है. हालांकि अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध नरम पड़ने से सोने में तेजी नपी तुली हो सकती है. उनका कहना है कि प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में मौजूदा मंदी केंद्रीय बैंकों को अधिक समय के लिए उदार नीति बनाए रखने के लिए प्रेरित कर सकती है और इससे सोने को सपोर्ट मिल सकता है.

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नवनीत का कहना है कि ट्रेड वॉर की स्थिति नरम होने से सोने की कीमतों में कुछ तकनीकी गिरावट भी देखने को मिल सकती है. हालांकि कीमतों में तेजी बनी हुई है और साल के अंत तक इसके 39,500 रुपये के पिछले उच्च स्तर से भी आगे जाने के पूरे आसार हैं. कोटक सिक्योरिटीज के प्रमुख रविंद्र राव का कहना है कि आगे चलकर सोना 1,460-1,530 डॉलर के दायरे में और 36,800-39,400 रुपये के दायरे में रहने का अनुमान है.

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रविंद्र राव का कहना है कि निवेशकों की सुरक्षित निवेश मांग तीसरी तिमाही में बढ़ी है. हालांकि अमेरिका-चीन ट्रेड वार्ता और ब्रेक्जिट सौदे को लेकर सकारात्मक उम्मीद उत्पन्न होने की स्थिति से ट्रेडर्स मुनाफावसूली के लिए भी प्रेरित हुए हैं. रविंद्र राव ने कहा कि आईएमएफ (IMF) के ताजा अनुमान के अनुसार वैश्विक अर्थव्यवस्था के वर्ष 2019 में 3.0 फीसदी और वर्ष 2020 में 3.4 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान है, जो अप्रैल के पिछले से 0.3 और 0.2 फीसदी कम है. (इनपुट पीटीआई)